उत्तराखंड में गंगा का जलस्तर ऊपर, बाढ़ का खतरा

बीते तीन दिनों से पहाड़ों और मैदानी इलाकों में हुई बारिश का असर नहर-नदियों में दिखने लगा है। हरिद्वार बैराज से 3.58 लाख क्यूसेक पानी गंगा में छोड़ा गया है। यह पानी बिजनौर, नरौरा बैराज से होते हुए कासगंज में गंगा में पहुंचेगा।संभावित बाढ़ के मद्देनजर प्रशासन ने हाई अलर्ट कर दिया है। राजस्व और सिंचाई विभाग की टीमों को सक्रिय किया गया है।

पहाड़ी इलाकों में तेज बारिश हो रही है। जिससे पानी नदियों में छोड़ा जा रहा है। मंगलवार सुबह 8 बजे हरिद्वार बैराज से 291735 क्यूसेक पानी छोड़ा गया था। बिजनौर से 120740 क्यूसेक और नरौरा से 31988 क्यूसेक पानी छोड़ा गया। दोपहर 12 बजे हरिद्वार बैराज से 372045 क्यूसेक, बिजनौर से 156357 क्यूसेक और नरौरा से 31988 क्यूसेक पानी छोड़ा गया।

दोपहर 2 बजे हरिद्वार बैराज से 358045 क्यूसेक, बिजनौर से 188198 क्यूसेक और नरौरा से 31988 क्यूसेक पानी छोड़ा गया। यह पानी अगले दो से तीन दिनों में कछला गंगा में पहुंचेगा, जिससे कासगंज जिले में बाढ़ की आशंका बढ़ गई है। इसे लेकर जिला प्रशासन अलर्ट मोड पर है। एडीएम अजय कुमार श्रीवास्तव ने सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता और सभी उपजिलाधिकारियों को सतर्कता बरतने के निर्देश दिए हैं

बैराज दूरी(किमी में) समय
हरिद्वार 310 36 घंटे
बिजनौर 230 48 घंटे
नरौरा 55 12 घंटे

एडीएम अजय कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि सभी उपजिलाधिकारियों और अन्य जिम्मेदारियों को निर्देश देकर सतर्क कर दिया गया है। पानी फिलहाल नहीं बढ़ा है, लेकिन आगामी समय में पानी बढ़ने लगेगा। बाढ़ को लेकर सतर्कता है।

सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता अरुण कुमार ने कहा कि सिंचाई विभाग की टीमें और कंट्रोल रूम सक्रिय हैं। सभी अपर अभियंता अपने अपने क्षेत्र में निगरानी कर रहे हैं। गंगा नदी में बाढ़ की संभावना है।

 

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