नागरिकों के आधार नंबर की तरह जमीनों का भी आधार नंबर होगा जारी : केंद्र सरकार

2023 तक सभी जमीनों का रिकॉर्ड होगा ऑनलाइन देश के नागरिकों के आधार कार्ड की तरह अब आपकी जमीनों का भी आधार नंबर जारी किया जायेगा.केंद्र सरकार इसकी तैयारी कर रही है. बताया जा रहा है कि वन नेशन, वन रजिस्ट्रेशन यानी एक राष्ट्र एक पंजीकरण कार्यक्रम के तहत केंद्र सरकार जमीनों के लिए विशिष्ट पंजीकरण संख्या जारी करेगी.

मंगलवार को संसद में पेश किये गये आम बजट 2022 में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में कहा कि अब देश की जमीनों का भी डिजिटल रिकॉर्ड तैयार किया जायेगा. आईपी बेस्ड टेक्नोलॉजी की मदद से ऐसा किया जायेगा. निर्मला सीतारमण ने कहा है कि मार्च 2023 तक देश भर में जमीन के रिकॉर्ड के डिजिटाइजेशन का लक्ष्य सरकार ने रखा है. उन्होंने कहा है कि जमीनों के कागजात के आधार पर ही डिजिटल रिकॉर्ड तैयार किया जायेगा.

जमीनों का आधार कार्ड (ULPIN) नंबर मिल जाने के बाद जमीन की खरीद-बिक्री में बहुत आसानी हो जायेगी. बताया जा रहा है कि इस नंबर के जरिये देश में कहीं भी जमीन को खरीदने या बेचने में कोई दिक्कत नहीं होगी. बजट में जो प्रस्ताव आया है, उसके बारे में कहा जा रहा है कि एक क्लिक में लोगों को जमीन का पूरा विवरण मिल जायेगा.

जमीन का अगर बंटवारा होगा, तो उसका आधार नंबर अलग-अलग हो जायेगा. जमीन का डिजिटल रिकॉर्ड तैयार हो जायेगा, तो किसी की भी जमीन का रिकॉर्ड देखना आसान हो जायेगा. जमीन की नपाई ड्रोन कैमरे से होगी, जिससे गलती की गुंजाइश नहीं के बराबर रहेगी.

केंद्र सरकार का लक्ष्य 2023 तक देशभर से लैंड रिकॉर्ड को डिजिटल करने का है. मार्च 2023 तक पूरे देश में जमीन का रिकॉर्ड डिजिटल करने का लक्ष्य रखा गया है. आने वाले दिनों में महज एक क्लिक पर आपके जमीन से संबंधित दस्तावेज आपके सामने होंगे. देश में कहीं भी किसी भी जगह पर आप अपनी जमीन से संबंधित जानकारी हासिल कर सकेंगे.

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