धर्म संसद में भड़काऊ भाषण और महिलाओं को लेकर अमर्यादित टिप्पणी करने के आरोप में गिरफ्तार किए गए जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर और डासना (गाजियाबाद) के शिव मंदिर के परमाध्यक्ष यति नरसिंहानंद को रविवार सुबह स्पेशल मजिस्ट्रेट की कोर्ट में पेश किया गया, जहां से कोर्ट के आदेश के बाद उन्हें सुरक्षा व्यवस्था के बीच न्यायिक हिरासत में जिला कारागार शिफ्ट कर दिया गया।
उत्तरी हरिद्वार के सर्वानंद गंगा घाट पर जितेंद्र त्यागी उर्फ वसीम रिजवी की गिरफ्तारी के विरोध में अनशन कर रहे यति नरसिंहानंद को शनिवार देर शाम को हरिद्वार कोतवाली पुलिस और एसआईटी ने गिरफ्तार कर लिया था। उनके खिलाफ शहर कोतवाली में धर्म संसद में भड़काऊ भाषण देने और मुस्लिम महिलाओं को लेकर अभद्र टिप्पणी करने का एक मामला दर्ज है। देर रात उनकी गिरफ्तारी के विरोध में समर्थकों एवं संतों ने शहर कोतवाली में हंगामा किया था। पुलिस ने लाठियां फटकारकर भीड़ को तितर बितर किया था। एसआईटी और पुलिस जब उन्हें मेडिकल परीक्षण के लिए जिला अस्पताल ले गई थी, तब चिकित्सकों की सलाह पर यति नरसिंहानंद को जिला अस्पताल में ही दाखिल कर लिया गया था। वे अनशनत थे और उन्हें शुगर समेत कई अन्य बीमारियां भी हैं। जिला अस्पताल में उनके शिफ्ट होने के बाद समर्थक लौट गए थे।इधर, सुबह होने पर आनन-फानन में जिला अस्पताल पहुंची एसआईटी एवं शहर कोतवाली पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया और सीधे रोशनाबाद कोर्ट लेकर पहुंची।
यति नरसिंहानंद के अधिवक्ता उत्तम सिंह चौहान ने उनके खिलाफ दर्ज मुकदमों को झूठा करार देते हुए चुनौती दी। दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं को सुनने के बाद स्पेशल न्यायिक मजिस्ट्रेट विवेक राणा की कोर्ट ने यतिनरसिंहानंद को न्यायिक हिरासत में जेल भेजने के आदेश दिए। शहर कोतवाली प्रभारी राकेंद्र कठैत की अगुवाई में भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच उन्हें जेल में शिफ्ट कर दिया गया।
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