कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने गुरुवार को सीसीआर सभागार में बाढ़ नियंत्रण के लिए चल रही तैयारियों की समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने कहा कि कोई भी भू-भाग जलमग्न न हो, मैदानी क्षेत्रों में पानी निकासी के लिए पम्प की व्यवस्थाएं की जाए और भू-कटाव रोकने के लिए संवेदनशील क्षेत्रों में सुरक्षात्मक दृष्टि से कट्टों में रेत भरकर रखा जाये।
कैबिनेट मंत्री ने कहा कि मानसून काल शुरू होने वाला है। बाढ़ नियंत्रण एवं भू-कटाव रोकने के लिए विस्तृत अध्ययन करते हुए नदियों को चैनलाइज किया जाए और चैनलाइज से सम्बन्धित फोटोग्राफी व वीडियोग्राफी बनाकर रिकार्ड में रखी जाये, ताकि कोई भी व्यक्ति चैनलाजेशन के विरुद्ध न्यायालय जाता है तो रिकॉर्ड प्रस्तुत किया जा सके।
उन्होंने कहा कि मां गंगा की धारा को चण्डी घाट के पास चैनलाइज करने के लिए विशेष सावधानी बरतते हुए ड्रोन से फोटो व वीडियोग्राफी कराते हुए साइंटिफिक प्रस्ताव तैयार किया जाए। उन्होंने निर्देश दिये कि विभिन्न नदियों, झीलों एवं डैमों पर बने गेट्स को चेक कर लिया जाए, ताकि जलस्तर बढ़ने पर उन्हें खोलने में किसी भी प्रकार की दिक्कत न हो। उन्होंने सिंचाई विभाग के अभियंताओं को निर्देश दिये कि विकसित देशों की पानी निकासी की आधुनिकतम तकनीकियों का अध्ययन किया जाए और नवीनत तकनीकियों से अपडेट रहा जाए। उन्होंने लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि पुलों के अप-डाउन स्ट्रीम में 500 मीटर तक की दूरी तक खनन पर पैनी नजर बनाए रखें और किसी भी दशा में पुलों एवं पिलर्स को कोई नुकसान न हो।
बैठक में सिंचाई विभाग के अभियंताओं ने बताया कि बाढ़ नियंत्रण के लिए राज्य में 113 बाढ़ सुरक्षा चौकियां 15 जून तक स्थापित हो जायेंगी, जिनमें 24 घण्टे कर्मचारियों की तैनाती रहेगी। बाढ़ नियंत्रण चौकियों में आस-पास के जनप्रतिनिधियों के नम्बर भी उपलब्ध रहेंगे।
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