उत्तराखंड के मंदिरों में प्रवेश करने से पहले पुरुष-महिलाओं को अपना शरीर ढंकना होगा. इसका पर्सेंटेज भी तय किया गया है. महानिर्वाणी पंचायती अखाड़ा की तरफ से कहा गया है कि मंदिर प्रवेश के लिए महिला और पुरुष अपना शरीर 80 फीसदी ढंक कर पहुंचें.कम कपड़े पहनकर आने वालों को भगवान के दर्शन नहीं होंगे, क्योंकि उन्हें मंदिर में घुसने ही नहीं दिया जाएगा.
महानिर्वाणी पंचायती अखाड़ा एक नया नियम लेकर आया है. इसके सचिव महंत रवींद्र पुरी ने रविवार, 4 जून को बताया कि अखाड़े के तहत उत्तराखंड के तीन मंदिरों में ‘उपयुक्त कपड़े’ ना पहनने वाले भक्तों को एंट्री नहीं मिलेगी. ये मंदिर हैं हरिद्वार स्थित दक्ष प्रजापति मंदिर, देहरादून का टपकेश्वर महादेव मंदिर और ऋषिकेश का नीलकंठ महादेव मंदिर.नियम में ये विशेष रूप से कहा गया कि जिन श्रद्धालुओं के शरीर ढंके होंगे, उन्हें ही मंदिर में घुसने की परमिशन मिलेगी. बातचीत में महंत रवींद्र पुरी विशेष रूप से महिलाओं के लिए कहते हैं,रवींद्र पुरी अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष भी हैं. उन्होंने कहा है कि ये नियम तीनों मंदिरों में तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है. पुरी ने बताया कि नियम को जल्द ही देश भर में अखाड़े से जुड़े बाकी मंदिरों में भी लागू किया जाएगा. उनका दावा है कि अखाड़े के इस फैसले को हरिद्वार के संतों का भी समर्थन मिला है.
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