सनातन धर्म में कार्तिक मास को सबसे शुभ माना गया है. कार्तिक पूर्णिमा का भी बड़ा महत्व है. ऐसा माना जाता है कि पूर्णिमा पर चंद्र देव की विशेष कृपा मिलती है. चंद्रदेव को औषधियों का कारक भी माना गया है.ऐसे में पूर्णिमा पर यदि किसी औषधि का निर्माण या सेवन किया जाए तो उसका प्रभाव अन्य दिनों से ज्यादा मिलता है.
27 नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा है. इस बार अद्भुत संयोग बन रहा है. सालों बाद कार्तिक पूर्णिमा के दिन औषधि निर्माण और रोग विमुक्त स्नान का मुहूर्त एक साथ मिल रहा है. ऐसे में इसका लाभ सभी सनातनियों को जरूर लेना चाहिए. माना जाता है कि इस मुहूर्त में उपाय करने से किसी भी तरह के रोग में राहत मिलती है. यहां तक की रोग से छुटकारा भी मिल सकता है.
27 नवंबर 2023 औषधि निर्माण एवं सेवन और रोग विमुक्त स्नान का पहला मुहूर्त सुबह 5:38 से 7:29 बजे तक है. इस मुहूर्त में रोग विमुक्त स्नान किया जा सकता है. वहीं दूसरा मुहूर्त शाम को 4:30 से 6:20 बजे तक है, इसमें औषधि निर्माण और सेवन किया जा सकता है.
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