कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 3 जनवरी से 15 से 18 साल तक के बच्चों के लिए वैक्सीन ड्राइव की घोषणा की है. पीएम के घोषणा के बाद हर माता-पिता के मन में कई सवाल हैं.जैसे कि बच्चों को कौन की वैक्सीन लगेगी? रजिस्ट्रेशन कैसे होगा? वैक्सीन में तीन महीने का अंतर होगा तो वे एग्जाम कैसे देंगे? इन सारे सवालों के जवाब हम आपको दे रहे हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वैक्सीन के नाम का कोई जिक्र नहीं किया है. DCGI ने Covaxin की बच्चों को दी जाने वैक्सीन को मंजूरी दे दी है. 12 से 18 साल के बच्चे को ये वैक्सीन आपातकाल स्थिति में दी जा सकेगी. जोर देकर कहा गया है कि सिर्फ 12 साल से ऊपर की उम्र वाले बच्चों को ही कोवैक्सीन दी जाए. जानकारी मिली है कि केंद्र सरकार द्वारा भारत बायोटेक को बच्चों की वैक्सीन के लिए ऑर्डर दिया जाएगा. लेकिन कितने चरणों में और किसे पहले किसे बाद में, इन पहलुओं पर अभी तक सरकार ने फैसला नहीं लिया है. ऐसे में केंद्र की रणनीति पर भी काफी कुछ निर्भर रहने वाला है.
वैसे कोवैक्सीन से पहले बच्चों के लिए जायडस कैडिला वाली वैक्सीन पर भी मंथन हुआ है. उस वैक्सीन की तीन डोज लगनी जरूरी हैं. उस वैक्सीन में सिरिंज का इस्तेमाल नहीं होता है. अभी के लिए सरकार ने इमरजेंसी यूज के लिए कोवैक्सीन को मंजूरी दी है.
फिलहाल देश में जो व्यवस्था है, उसके मुताबिक कोविन ऐप पर रजिस्ट्रेशन कराना होता है. इसके बाद स्लॉट मिलता है. बच्चों के वैक्सीनेशन को लेकर फिलहाल कुछ साफ नहीं किया गया है. ऐप पर स्लॉट बुकिंग के दौरान आधार कार्ड नंबर देना होता है. कई बच्चे ऐसे हैं जिनका आधार कार्ड नहीं होता है. संभावना है कि बच्चों के लिए अलग से सेंटर बनाए जाएंगे. देश में कई फ्रंट लाइनर गांव, मोहल्ला और खेत में पहुंचकर वैक्सीन लगा रहे हैं. ऐसे में संभावना है कि बच्चों को उनके घर पर या फिर जो बच्चे स्कूल जा रहे हैं, उन्हें स्कूल में ही वैक्सीन लगाए जाएंगे, ताकि वे संक्रमण के खतरे से बचे रहें.
PM मोदी ने कहा कि 15 से 18 साल की आयु के बीच के जो बच्चे हैं, अब उनके लिए देश में वैक्सीनेशन शुरू होगा. अगले साल 3 जनवरी से इसकी शुरुआत की जाएगी. वैक्सीन लगने के बाद स्कूल-कॉलेजों में जाने वाले सभी छात्रों को कोरोना के खिलाफ सुरक्षा मिलेगी. 15 से 18 साल की उम्र के बच्चों के वैक्सीनेशन से 10वीं-12वीं के छात्र बेफिक्र होकर एग्जाम दे सकेंगे.
पीएम मोदी ने ये भी कहा कि हेल्थकेयर और फ्रंटलाइन वर्कर्स को वैक्सीन की प्रीकोशन डोज भी दी जाएगी. जिसकी शुरुआत अगले साल 10 जनवरी से की जाएगी. प्रधानमंत्री ने कहा कि हेल्थ केयर वर्कर्स और फ्रंटलाइन वर्कर्स ने देश को सुरक्षित रखा है. उनका समर्पण बेजोड़ है. वे अभी भी कोविड रोगियों की मदद कर रहे हैं.
More Stories
भारत के 51 वे मुख्य न्यायाधीश के रूप में जस्टिस खन्ना ने शपथ ली
चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान किया
मूर्ति विसर्जन के दौरान बहराइच में दंगा एक युवक की मौत