कोरोना की वैक्सीन लगवाते ही 5 साल से गूंगा व्यक्ति बोलने लगा

कोरोना वैक्सीन को लेकर एक तरफ जहां लोगों के मन में अभी भी शंका हैं और कुछ लोग इससे अभी भी दूर भाग रहे हैं तो वहीं दूसरी ओर इससे जुड़ी एक ऐसी कहानी सामने आई है जिसे सुनकर हर कोई दंग रह जाएगा.दरअसल 5 साल पहले हादसे में अपनी आवाज गंवाने और पिछले एक साल से पूर्ण रूप से बेडरेस्ट में रहने वाले शख्स को जब कोरोना की वैक्सीन लगी तो उसके शरीर में ऐसा कुछ हुआ जिससे हर कोई दंग रह गया. वैक्सीन लगते ही वह शख्स बोलने लगा और उसके शरीर में पूरी तरह से जान आ गई.

वैक्सीन के पॉजिटिव साइड इफेक्ट का ये मामला झारखंड से जुड़ा है जहां इस घटना के बाद डॉक्टर भी हतप्रभ हैं. जिला के पेटरवार प्रखंड के उतासारा पंचायत अंतर्गत सलगाडीह गांव के 55 वर्षीय दुलारचंद मुंडा एक हादसे के बाद 5 वर्षों से जिंदगी की जंग लड़ रहे थे. दुलारचंद मुंडा करीब पांच वर्ष पूर्व सड़क दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल हो गये थे. इलाज होने के बाद दुलारचंद ठीक तो हुए लेकिन एक साथ उनके शरीर के कई अंगों ने काम करना बंद कर दिया. इसके अलावा उनकी आवाज भी लड़खड़ाने लगी थी.

परिवार के लोगों के मुताबिक पिछले कुछ सालों से दुलारचंद की जिंदगी चारपाई पर ही बीत रही थी. न तो उनके शरीर के कई अंग काम कर रहे थे और न ही वो ठीक से बोल भी सक रहे थे. दुलारचंद को जब कोरोना से बचाने की मुहिम के तहत कोविशील्ड की वैक्सीन दी गई तो वैक्सीन लेने के बाद ही न सिर्फ उनकी लड़खड़ाती आवाज बेहतर हो गई, बल्कि उनके शरीर में नई जान भी आ गई और कई अंगों ने हरकत करना शुरू कर दिया. पंचायत की मुखिया सुमित्रा देवी सहित कई लोगों ने इस परिवर्तन को वैक्सीन का असर बताया है.

इस संबंध में जब डॉक्टरों से बात की गई तो चिकित्सा प्रभारी डॉ अलबेल केरकेट्टा ने बताया कि आंगनबाड़ी केंद्र की सेविका ने चार जनवरी को दुलारचंद को उसके घर जाकर वैक्सीन दिया गया था जिसके एक दिन बाद यानी पांच जनवरी से ही उसके बेजान शरीर में हरकत शुरू हो गई. डॉक्टरों के मुताबिक दुलार को स्पाइन में समस्या थी इस कारण वो काफी दिनों से बेड पर थे. वैक्सीन लगने के बाद शरीर में हुई हरकत को डॉक्टर्स भी शोध और जांच का विषय बता रहे हैं.

 

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