करवाचौथ को भुनाने के लिए सभी व्यवसायियों ने तैयारी पूरी कर ली है। साड़ी, बुटीक, पार्लर, मेहंदी, चूड़ियों की दुकानें महिलाओं के सामान से सज चुकी है। ज्वेलरी और कपड़ों के शोरूम नए डिजाइन के जेवर व कपड़ों से चमक रहे हैं।
करवाचौथ का त्योहार रविवार को है। व्यापारियों ने पहले से त्योहार की तैयारी कर ली थी। शुक्रवार को बाजार में खूब चहल पहल देखने को मिली। ज्वालापुर के बड़ा बाजार, कटहरा बाजार, कनखल के चौक बाजार समेत अन्य बाजारों में स्थित शोरूम और दुकानों पर सुबह से महिलाओं को खरीदारी करते देखा गया। अभी कुछ दिन पहले तक शाम होते ही सुनसान होने वाले बाजार देर रात तक खुल रहे हैं। बाजार में डिजाइन करवों व छलनी की दुकानें हर चार कदम पर सजी हैं। हर दुकानदार ने अपने प्रतिष्ठान के बाहर इस सामान को रखा है। मेहंदी लगवाने वालों ने जगह जगह अपने स्टाल लगाए हैं।
50 से 150 तक का करवा
इस बार डिजाइनर करवों की कीमत 50 से लेकर 150 रुपये तक है। डिजाइनर थाली की भी काफी मांग है। इस थाली में करवा, छलनी आदि शामिल होते हैं। इसकी कीमत 300 से लेकर 500 रुपये तक है। बाजार में 250 रुपये में सादा करवा, छलनी, माताजी पाना, व्रत पुस्तक और पूजन सामग्री का पैकेज भी मिल रहा है। चीन के करवों की कीमत 100 रुपये किलोग्राम की दर से वजन के अनुसार है।
हाथों में सजेगी ज्वेलरी डिजाइन मेहंदी
ऐसा माना जाता है कि करवाचौथ की मेहंदी का रंग जितना गहरा होता है, उस महिला को अपने पति और ससुराल से उतना ही ज्यादा प्यार मिलता है। अरेबिक, बेल और पारंपरिक मेहंदी डिजाइन के अलावा हैवी डिजाइन भी काफी पसंद की जा रही है। हैवी डिजाइन में ज्वैलरी डिजाइन भी ट्रेंड में है। गोल बूटा डिजाइन हमेशा पसंद किया जाता है। रानीपुर मोड़ पर मेहंदी लगवाने वाले डिजाइनर सतीश कुमार ने बताया कि मेहंदी लगाने से पहले मेनीक्योर करा लें। क्रीम लगाकर मेहंदी न लगाएं।
पार्लरों में एडवांस में हुई बुकिंग
पार्लर संचालक भी करवाचौथ स्पेशल पैकेज दे रहे हैं। महिलाएं ब्लीच, फेशियल से लेकर मेनीक्योर-पेडीक्योर तक करा रही हैं। जो महिलाएं करवाचौथ पर मेकअप कराती हैं, उन्होंने बुकिंग करा दी है। पार्लर संचालक दौलत परमार ने बताया कि करवाचौथ के लिए एक सप्ताह पहले ही बुकिंग हो गई थी।
रफल साड़ी की सबसे ज्यादा मांग
पल्लो कट स्टाइल व बार्डर वाली साड़ियों के अलावा सबसे ज्यादा रफल साड़ी की मांग है। बनारसी साड़ी का ट्रेंड हमेशा बना रहता है। साड़ी विक्रेता विष्णु ने बताया कि सिक्विन साड़ी पसंद करने वाली महिलाओं की संख्या भी काफी है। इसके अलावा रेडीमेड साड़ी भी नई दुल्हनों को काफी पसंद आ रही है।
यह है डायटीशियन की सलाह
करवाचौथ में कई स्थानों पर सरगी खाने की परंपरा है। सरगी वो खाना है जो सूर्योदय से पहले खाया जाता है। डायटीशियन मंजू सिंह के मुताबिक व्रत में ऊर्जावान कैसे रहें। सरगी में सुबह नारियल पानी लें, ककड़ी व खीरा खाएं, इससे प्यास कम लगती है,- मेवे खाने से पूरा दिन एनर्जी बनी रहती है। पानी वाले फलों को शामिल करें, ताकि शरीर में पानी की कमी न हो। मिठाई को जरूर शामिल करें। चीनी में अमिनो एसिड ट्रीट्टोफन होता है। यह सेरोटोनिन न्यूरोट्रांसमीटर के लेवल को बढ़ाता है। इससे चक्कर नहीं आते हैं।
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