कुख्यात एक बार फिर हुआ हरिद्वार जेल में शिफ्ट

हरिद्वार : जेल के भीतर बैठकर रंगदारी मांगने और सुपारी लेकर हत्या कराने के लिए कुख्यात प्रवीण वाल्मीकि एक बार फिर हरिद्वार जेल में शिफ्ट हो गया है। हाईकोर्ट के आदेश पर प्रवीण वाल्मीकि को देहरादून जेल से हरिद्वार जेल शिफ्ट किया गया है।प्रवीण के जिले में आने से चुनाव के मद्देनजर अपराध व कानून व्यवस्था के लिए हाथ पांव मार रही हरिद्वार पुलिस की टेंशन बढ़ गई है। साथ ही कई कारोबारियों की धड़कनें भी तेज हो गई हैं।

काफी अर्से तक कुख्यात सुनील राठी के गैंग का हिस्सा रहे रुड़की निवासी प्रवीण वाल्मीकि ने करीब आठ साल पहले अपना अलग गैंग बनाया और रंगदारी के धंधे में उतर गया। उसने हरिद्वार जेल में बैठे-बैठे रुड़की के कई कारोबारियों से मोबाइल पर रंगदारी मांगी। जनवरी 2016 में रुड़की नगर निगम के सफाई नायक बसंत की हत्या की पूरी साजिश भी जेल की सलाखों के पीछे से रची और हत्याकांड को अंजाम भी दिलाया। पुलिस के सिरदर्द बनने पर उसे हरिद्वार जेल से शिफ्ट कर दिया गया था। पिछले दिनों प्रवीण वाल्मीकि ने हरिद्वार जेल में शिफ्ट करने के लिए हाईकोर्ट में अर्जी लगाई थी। जिसमें उसने हरिद्वार में अपने मुकदमो की पैरवी का हवाला देते हुए हरिद्वार शिफ्ट करने की गुहार लगाई। जिस पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने प्रवीण वाल्मीकि को हरिद्वार शिफ्ट करने के आदेश दिए। दो दिन पहले प्रवीण को हरिद्वार शिफ्ट कर दिया गया है। इससे न सिर्फ पुलिस, बल्कि जेल प्रशासन के लिए भी चुनौती बढ़ गई है। इस मामले में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डा. योगेंद्र सिंह रावत का कहना है कि प्रवीण वाल्मीकि जिले में पहले भी जेल के भीतर रहकर आपराधिक वारदातों को अंजाम दिला चुका है, इसलिए पूरी चौकसी बरती जाएगी। उससे मिलनेजुलने या संपर्क में रहने वालों की भी निगरानी होगी, ताकि वह अपना नेटवर्क खड़ा कर फिर से अशांति न पैदा कर दे।

हरिद्वार : विडंबना है कि प्रदेश की सबसे बड़ी जेल केवल एक अधीक्षक के भरोसे चल रही है। यहां जेलर के दो और डिप्टी जेलर के सात पद खाली हैं। जबकि बंदी रक्षक भी एक तिहाई ही तैनात हैं। इन परिस्थितियों में कुख्यात की गतिविधियों पर नजर रखना जेल प्रशासन के लिए सबसे बड़ी चुनौती होगा। वहीं, वरिष्ठ जेल अधीक्षक मनोज कुमार आर्य ने बताया कि प्रवीण वाल्मीकि के शिफ्ट होने पर जेल में और सतर्कता बढ़ा दी गई है।

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