जूना अखाड़ा का हरिद्वार अर्धकुंभ में शामिल होना असंभव : श्री महंत हरी गिरी महाराज

श्री पंच दसनाम जूना अखाड़ा के श्रीमहंत हरि गिरि महाराज ने कहा कि उज्जैन व नासिक कुंभ मेले के चलते हरिद्वार अर्धकुंभ मेले में शामिल हो पाना संभव नहीं होगा, परंतु हरिद्वार अर्धकुंभ मेले को ऐतिहासिक एवं सफल बनाने के लिए जूना अखाड़ा पूर्ण सहयोग देगा।

गुरुवार को माया देवी मंदिर में श्री पंच दसनाम जूना अखाड़ा की एक बैठक हुई। बैठक की अध्यक्षता जूना अखाड़े के सभापति (अध्यक्ष) महंत मोहन भारती महाराज ने तथा संचालन महंत प्रेम गिरि महाराज ने किया। बैठक में जूना अखाड़े के अंतरराष्ट्रीय संरक्षक एवं अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के महामंत्री महंत हरि गिरि महाराज भी मौजूद रहे। श्री दूधेश्वरनाथ मठ महादेव मंदिर के पीठाधीश्वर, जूना अखाड़ा के अंतरराष्ट्रीय प्रवक्ता महंत नारायण गिरि महाराज ने बताया कि महाकुंभ मेले के बाद यह श्री पंच दसनाम जूना अखाड़ा की पहली बैठक थी। बैठक से पूर्व सभी संतों ने भैरव बाबा की पूजा-अर्चना की और पहलगाम व दिल्ली आतंकी हमले में मारे गए लोगों को तथा उत्तराखंड में थराली, धराली सहित कई अन्य स्थानों पर आई आपदा में मृतकों की आत्मा की शांति के लिए दो मिनट का मौन रखकर उन्हें श्रद्धांजलि दी गई। इस दौरान जो संत ब्रह्मलीन हुए, उन्हें भी श्रद्धांजलि दी गई।बैठक में महंत हरि गिरि महाराज ने उत्तराखंड की पवित्र एक माह की छड़ी यात्रा के सफलतापूर्वक संपन्न होने पर सभी संतों को बधाई दी।

महंत हरि गिरि महाराज के निर्देश पर बैठक में वर्ष 2027 में उज्जैन व नासिक में होने वाले कुंभ मेले तथा हरिद्वार में प्रस्तावित अर्धकुंभ मेले, जिसे कुंभ का रूप दिया जा रहा है, को लेकर विस्तृत चर्चा हुई। महंत हरि गिरि महाराज ने कहा कि उज्जैन व नासिक कुंभ मेले के चलते हरिद्वार अर्धकुंभ मेले में शामिल हो पाना संभव नहीं होगा, परंतु हरिद्वार अर्धकुंभ मेले को ऐतिहासिक एवं सफल बनाने के लिए जूना अखाड़ा पूर्ण सहयोग देगा। उन्होंने कहा कि जूना अखाड़ा स्कूल-कॉलेजों का निर्माण, सड़कें, अस्पताल, सामुदायिक केंद्रों की स्थापना आदि में आर्थिक सहयोग देगा और उत्तराखंड में पलायन रोकने के लिए रोजगार के साधन उपलब्ध कराए जाएंगे। उन्होंने कहा कि हिंदुओं को एकजुट करने के लिए गांव-गांव जाकर धर्मजागरण अभियान चलाया जाएगा। खेरा मणि गांव में अखाड़े की भूमि पर चारदीवारी कराई जाएगी। पुराने मकानों को गिराकर नए मकान बनाए जाएंगे। ब्रह्मलीन विद्या भारती महाराज, ब्रह्मलीन रंधीर भारती महाराज सहित सभी गुरु-मूर्तियों की समाधियों का निर्माण कराया जाएगा। साथ ही दत्त भगवान की चरण पादुका का भव्य मंदिर भी बनाया जाएगा।

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