मुल्तान जोत महोत्सव में श्रद्धालुओं ने हरकी पैड़ी पर दूध की होली खेली

रकी पैड़ी पर रविवार को भक्ति, आस्था और उत्सव का अनोखा संगम देखने को मिला, जब अखिल भारतीय मुल्तान संगठन और मुल्तान जोत सभा द्वारा 115वीं मुल्तान जोत मां गंगा में प्रवाहित की गई। जोत प्रवाहित करने से पहले श्रद्धालुओं ने गंगा पूजन कर दूध की होली खेली और गंगा स्नान किया।दिन में होली और रात में दिवाली जैसा माहौल श्रद्धालुओं के बीच गहरी आस्था और उमंग का प्रतीक बना। सुबह श्रद्धालु बैंड-बाजों के साथ अपनी धर्मशालाओं से हरकी पैड़ी तक पैदल यात्रा करते हुए पहुंचे। गंगा तट पर पूजा-अर्चना और दूध की होली के बाद रात को बड़ी और छोटी जोतों को आकर्षक ढंग से सजाया गया।हजारों श्रद्धालुओं ने मंत्रोच्चार, भक्ति संगीत और नृत्य के बीच मां गंगा में जोत प्रवाहित कर सुख-शांति की कामना की। यह परंपरा वर्ष 1911 में भक्त रूप चंद द्वारा पाकिस्तान के मुल्तान से हरिद्वार तक पैदल यात्रा कर पहली जोत लाने के साथ शुरू हुई थी, जो आज भी पूरी श्रद्धा से निभाई जा रही है।

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