हरिद्वार जिले में बारिश के कारण 189 करोड़ की संपत्ति के नुकसान का आकलन किया गया है। जिसमें जलभराव वाले क्षेत्रों में सात जनहानि हुई है और 370 भवनों को आंशिक क्षति पहुंची है और तीन भवन पूर्ण रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं।30 से 35 हजार हेक्टेयर कृषि भूमि को नुकसान पहुंचा है जो करीब 50 से 55 करोड़ का नुकसान है। यह जानकारी प्रशासन की ओर से केंद्र से आई टीम को दी गई।
हरिद्वार जिले में बारिश-बाढ़ से हुए नुकसान का आकलन करने के लिए केंद्र की 10 सदस्य टीम मंगलवार को हरिद्वार पहुंची। राष्ट्रीय आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण भारत सरकार के संयुक्त सचिव हर्ष गुप्ता की अगुवाई में पहुंची टीम ने जिला कलक्ट्रेट सभागार में जिला प्रशासन के अधिकारियों के साथ बैठक कर आपदा से हुए नुकसान के निर्धारण के विषय में जानकारी ली।
इसके बाद टीम सिडकुल के हेत्तमपुर पहुंची, जहां बन रहे बैली ब्रिज को देखा। टीम ने नवोदय नगर और मनसा देवी पहाड़ का निरीक्षण किया। बुधवार को टीम खानपुर और लक्सर की ओर जाएगी। गुरुवार को टीम रुड़की का निरीक्षण करेगी। बैठक के दौरान संयुक्त सचिव हर्ष गुप्ता की ओर से पूछे जाने पर जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल ने बताया कि जनपद के शहरी व ग्रामीण इलाकों में 398 क्षेत्रों में जल भराव की स्थिति पैदा हुई।
जिनमें से हरिद्वार नगर निगम के ही 48 क्षेत्रों में जलभराव हुआ तथा भगत सिंह चौक पर जलभराव होने पर आठ पम्पों की मदद से पानी की निकासी की गयी। उन्होंने बताया कि सोलानी नदी के तेज बहाव से कई जगह तटबन्ध को नुकसान पहुंचा। परिस्थितियों को देखते हुये लक्सर, खानपुर तथा रुड़की में तत्काल, सेना, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और पीएसी की टीमें तैनात की गईं।
उन्होंने बताया कि 447 गांवों में स्वास्थ्य शिविर लगाये गए, जिनमें 2994 मरीजों के स्वास्थ्य का परीक्षण किया गया। भोजन आदि की व्यवस्था के बारे में जानकारी लेने पर जिलाधिकारी ने बताया कि जलभराव वाले क्षेत्रों में फूड पैकेट की व्यवस्था की गई। पशुओं के लिए भी चारे की व्यवस्था प्रभावित क्षेत्रों में की गई।इस अवसर पर उप सचिव अनिल गैरोला, डायरेक्टर डॉ. वीरेन्द्र सिंह, सुपरइंटेंडिंग इंजीनियर सुधीर कुमार, डायरेक्टर (आरसी) केएम सिंह, सीई डीके शर्मा, आदि शामिल रहे।
बैठक में लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों ने संयुक्त सचिव को बताया कि जनपद में विभाग की कुल 814 सड़कें हैं, जिनमें से 175 सड़कें प्रभावित हुई हैं, जिसमें 34.07 करोड़ की क्षति का आकलन किया गया है। इसी प्रकार सिंचाई, विद्युत, पेयजल, आंगनबाड़ी, पंचायती राज आदि विभागों के अधिकारियों ने कहां कितनी क्षति हुई इसका विवरण प्रस्तुत किया। आपदा प्रबन्धन सचिव डॉ. रंजीत सिन्हा ने केंद्रीय टीम का पुष्पगुच्छ भेंटकर स्वागत किया।
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