मूर्ति विसर्जन केवल चिन्हित स्थान पर ही किया जाए : जिलाधिकारी

हरिद्वार।  जिलाधिकारी विनय शंकर पाण्डेय की अध्यक्षता में शुक्रवार को कलक्ट्रेट में जिला गंगा संरक्षण समिति की बैठक आयोजित हुई। बैठक में जिला गंगा संरक्षण से संबंधित विभिन्न बिन्दओं को चर्चा के लिए सदस्य संयोजक, जिला गंगा संरक्षण समिति मयंक शेखर झा ने जिलाधिकारी के सम्मुख प्रस्तुत किया। बैठक में आगामी माह में आयोजित होने वाले गणेश उत्सव, दुर्गा पूजा आदि उत्सवों के दौरान गंगा में मूर्तियों के विसर्जन के संबंध में विस्तृत चर्चा हुई। इस पर जिलाधिकारी विनय शंकर पाण्डेय ने निर्देश दिए कि किसी भी नदी में मूर्तियों के विसर्जन की अनुमति नहीं होगी। उन्होंने कहा कि अगर कहीं पर इसका उल्लंघन होता है, तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी तथा वे दण्ड के भागीदार होंगे।
जिलाधिकारी ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि प्रतिमाओं के विसर्जन के लिए जो स्थान चिन्हित हैं, उनके अलावा अन्य स्थानों को भी चिन्हित कर लिया जाए तथा पहले की अपेक्षा अधिक प्रतिमा विसर्जन कुण्ड बनाए जाएं, जहां पर सभी प्रकार की पर्याप्त व्यवस्थाएं होंगी तथा श्रद्धालु आस्था के साथ प्रतिमाओं का विसर्जन कर सकेंगे। जिलाधिकारी ने बैठक में कस्सावान नाला, सीसीटीवी कैमरों की स्थिति, गंगा के किनारे आर्गेनिक खेती, गंगा घाटों में स्थापित चेंजिंग रूम की साफ-सफाई, विभिन्न गंगा घाटों एवं नालों पर हुए अतिक्रमण, नालों की सफाई आदि के बारे में विस्तृत विचार-विमर्श कर अधिकारियों को दिशा-निर्देश दिए। इस अवसर पर अपर जिलाधिकारी प्यारे लाल शाह, एमएनए दयानन्द सरस्वती, अधिशासी अभियन्ता सिंचाई मंजू, सह संयोजक नमामि गंगे विचार मंच शिखर पालीवाल, जिला गंगा संरक्षण समिति से जुड़े स्वयंसेवी संगठन, वन विभाग, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड सहित सम्बन्धित विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।

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