पंचपुरी का परिचय मलाई खुरचन से कराने वाले मशहूर हलवाई पंडित गीताराम शर्मा का देवतान स्थित उनके निवास स्थान पर निधन हो गया है। वे 95 वर्ष के थे। कनखल के श्मशान घाट पर उन्हें अंतिम विदाई दी गई।
ज्वालापुर के देवतान मोहल्ले में 120 वर्ष पहले नंदराम शर्मा ने रबड़ी, मलाई खुरचन, बर्फी, पेड़ा और कड़ाही दूध की दुकान शुरू की थी। उनके निधन के बाद भतीजे गीताराम ने दुकान संभाली और पंचपुरी से लेकर बड़े बड़े शहरों तक बेहद लोकप्रियता हासिल कर ली। प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने कई बार गीता हलवाई की खुरचन दिल्ली मंगवाई। स्वतंत्रता सेनानी वैद्य सोमदत्त पहली बार नेहरू के लिए खुरचन लेकर गए थे।
पूर्व राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने भी नगर पालिका हरिद्वार के शताब्दी समारोह में खुरचन और रबड़ी को बहुत पसंद किया था।
हरिद्वार आने पर अटल बिहारी वाजपेयी, लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी और अशोक सिंघल ने भी रबड़ी, खुरचन का स्वाद चखा। 120 वर्ष पुरानी यह पुरानी दुकान आज भी उसी परंपरागत रूप में कायम है। गीताराम शर्मा राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सक्रिय सदस्य थे और कई पदों पर रहे। वह विश्व हिंदू परिषद के नगर अध्यक्ष भी रहे। रामलीला समिति में उनकी भागीदारी लंबे समय तक रही। उनके निधन से क्षेत्र में शोक की लहर है
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