नई दिल्ली, 30 सितंबर विश्व हिंदू परिषद ने श्रीमद्भागवत गीता को राष्ट्रीय ग्रंथ घोषित करने की मांग की है। विहिप ने इसे लेकर देश भर में जागरण अभियान चलाने का भी ऐलान किया है।
विश्व हिंदू परिषद के केंद्रीय मंत्री आचार्य राधाकृष्ण मनोड़ी ने कहा कि गीता को राष्ट्रीय ग्रंथ घोषित करने की मांग को लेकर विहिप राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद , प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को ज्ञापन भी सौंपेगा।
विहिप नेता ने श्रीमद्भागवत गीता को पंथनिरपेक्ष और जाति निरपेक्ष बताते हुए कहा कि इसके प्रसार से देश में राष्ट्रीय एकता की भावना मजबूत होगी, इसलिए हम मांग करते हैं कि शिक्षा के हर स्तर पर इस ग्रंथ को पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाना चाहिए। उन्होंने सरकार से मांग की कि देश के सभी अध्यापकों को, चाहे वो किसी भी धर्म के हो अनिवार्य रूप से गीता का प्रशिक्षण देना ही चाहिए।
विश्व हिंदू परिषद अपने संस्कृत विभाग के उपक्रम विश्व गीता संस्थान के बैनर तले इस मुद्दे को लेकर लगातार अभियान भी चला रहा है। हाल ही में इस मुद्दे को लेकर हरिद्वार में इसके केंद्रीय कार्यसमिति की बैठक भी हुई थी। हरिद्वार के अलावा संगठन इस मांग को लेकर वृंदावन, मेरठ और अलीगढ़ में भी कार्यक्रम कर चुका है। आने वाले दिनों में संगठन की योजना चीन, मॉरीशस और इटली सहित दुनिया के कई देशों में गीता महोत्सव कार्यक्रम आयोजित करने की भी है।
श्रीमद्भागवत गीता को राष्ट्रीय ग्रंथ घोषित करने की मांग को लेकर विहिप, गीता प्रेस गोरखपुर के सहयोग से हर भाषा में घर-घर गीता बांटने का अभियान भी चला रहा है।
विश्व हिंदू परिषद के केंद्रीय मंत्री आचार्य राधाकृष्ण मनोड़ी ने कहा कि भाजपा के कई सांसद भी हमारी मांग के साथ हैं, लेकिन इस आंदोलन का किसी पार्टी से कोई लेना देना नहीं है। यह राष्ट्र का विषय है और जो भी दल इसका समर्थन करता है, हमारे साथ आ सकता है।
आपको बता दें कि भारत में राष्ट्रीय गान, राष्ट्रीय गीत, राष्ट्रीय पशु और राष्ट्रीय पक्षी भी तय है, लेकिन अभी तक राष्ट्रीय खेल तय नहीं है। हालांकि सामान्य तौर पर अभी तक हॉकी को राष्ट्रीय खेल कहा जाता था, लेकिन आधिकारिक तौर पर अभी भी हॉकी राष्ट्रीय खेल नहीं है ऐसे में श्रीमद्भागवत गीता को राष्ट्रीय ग्रंथ घोषित करने की मांग अपने आप में दिलचस्प है।
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