सर्वानंद घाट पर बैठे गाजियाबाद के डासना स्थित देवी मंदिर के महंत एवं जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर स्वामी यति नरसिंहानंद ने अपनी हत्या की आशंका जताई है। वे शिया वक्फ बोर्ड यूपी के पूर्व चेयरमैन वसीम रिजवी उर्फ जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी की रिहाई की प्रतीक्षा में धरना दे रहे हैं।उनका कहना है कि अब सर्वानंद घाट पर स्वामी अमृतानंद के साथ रात्रि विश्राम नहीं करेंगे।
यति का आरोप है कि लगातार रात को असामाजिक तत्व उनकी रेकी कर रहे हैं। शनिवार रात उनके साथ रहने वाले हिंदू स्वाभिमान के कार्यकर्ताओं ने ऐसे लोगों को चिह्नित कर पकड़ने का प्रयास किया, लेकिन वे भाग गए। महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद का कहना है कि उन्हें हत्या का डर नहीं है।इस बात का भय है कि अगर हमला हुआ और उन्होंने आत्मरक्षा का प्रयास किया तो पुलिस-प्रशासन उन्हीं पर मुकदमा दर्ज कर जेल में डाल देगा। उन्होंने हरिद्वार के संतों से निवेदन किया कि उन्हें मर्यादा का पाठ पढ़ाने वाले अब जमीयत उलेमा-ए-हिंद पर भी विचार रखें।
जेल से रिहा होने के बाद वह फिर से वसीम रिजवी उर्फ जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी की रिहाई को मांग लेकर सर्वानंद घाट पर धरने पर बैठ गए है। पिछले वर्ष 17 से 19 दिसंबर तक उत्तरी हरिद्वार के खड़खड़ी स्थित वेद निकेतन में आयोजित धर्म संसद में भड़काऊ भाषण देने और समुदाय विशेष की महिलाओं पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने पर यति नरसिंहानंद गिरि के खिलाफ अलग-अलग दो मुकदमे दर्ज हुए थे। वसीम रिजवी उर्फ जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज हुआ था।
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