विधानसभा चुनाव से ठीक पहले लाईसेंसी शस्त्र जमा कराने में हरिद्वार पुलिस के पसीने छूट रहे है। कई लाईसेंसी शस्त्रधारक नए-नए बहाना बना रहे हैं तो कई राजनेताओं की शरण में पहुंचकर पुलिस पर दबाव भी बना रहे हैं।जिले में दस हजार से अधिक शस्त्र लाईसेंस धारक है। देहात क्षेत्र में लाईसेंस धारकों की संख्या अधिक है।
डीआईजी एसएसपी डॉ. योगेंद्र सिंह रावत ने अधीनस्थों को जल्द से जल्द शस्त्र जमा कराने का लक्ष्य दिया है। इसके बाद से पुलिस ने लाईसेंसी शस्त्रधारकों के घर पहुंचने के साथ ही फोन पर संपर्क करने में जुटी है। एक पुलिसकर्मी ने कबूला कि वह किसी लाईसेंसधारक के घर जा रहे हैं तो क्षेत्र के राजनैतिक दल से जुड़े नेता की कॉल आ जा रही है। तर्क देता है कि कुछ दिन बाद शस्त्र जमा कर देंगे, अभी इतनी जल्दी भी किस बात की है। कई शस्त्रधारक बीमारी या फिर राज्य से बाहर होने का हवाला देकर इसे टाल रहे हैं। नेताओं की सिफारिश पर चुपचाप लौट रहे पुलिसकर्मियों के समक्ष लाईसेंस शस्त्र जमा करवाना चुनौती बनता जा रहा है। पुलिस कर्मी भी चुनाव आचार संहिता लगने का इंतजार कर रहे हैं, ताकि सिफारिश को अनसुना कर शस्त्र जमा करवा सकें।
लाईसेंसी शस्त्र हर हाल में जमा होंगे। पुलिसकर्मियों को इस संबंध में आवश्यक दिशा निर्देश दे दिए गए है। जल्द ही शत प्रतिशत शस्त्र जमा कराए जाएंगे। किसी के दबाव में आने की आवश्यकता पुलिस फोर्स को नहीं है। वह सीधे मेरे से संपर्क कर सकते हैं।
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