ईंट निर्माता कल्याण समिति जनपद हरिद्वार के ईंट भट्ठा स्वामियों ने रूड़की कचहरी परिसर में एकत्र होकर पर्यावरण प्रदूषण विभाग के खिलाफ प्रदर्शन किया।ईंट भट्ठा यूनियन के अध्यक्ष नरेश त्यागी ने इस मौके पर कहा कि क्षेत्र में ईंट भट्ठा उद्योग सूक्ष्म एवं लघु उद्योग श्रेणी में आता है एवं सीजनल संचालित उद्योग पूर्व में उद्योगों को संचालित करने के लिए पर्यावरणीय मंजूरी की आवश्यकता थी, जो न्यायोचित नहीं थी।ईंट भट्ठा स्वामियों के अनुरोध पर सरकार द्वारा संशोधित पर्यावरण मंजूरी की बाध्यता को समाप्त किया गया। पर्यावरणीय मंजूरी के लंबित होने के कारण ईंट भट्टा उद्योगों के संचालन हेतु समिति भी लंबित रही। उसके पश्चात सभी ईंट भट्टों द्वारा बोर्ड के प्रस्ताव के अनुरूप अर्थ दंड के रूप में लंबित शुल्क ब्याज सहित जमा कराया गया था। इसके बाद विभाग द्वारा सभी ईंट भट्टों काे संचालन सहमति प्रदान कर दी गई थी।
उन्होंने कहा कि ईंट भट्ठा स्वामी के ऊपर जो भारी भरकम जुर्माना तत्कालीन क्षेत्रीय अधिकारी द्वारा लगाया गया है, वह गलत है। आज तक हम लोगों को बताया नहीं गया कि किस आधार पर वायु प्रदूषण का जुर्माना हमारे ऊपर लगाया गया है। उन्होंने बताया कि अगर हमने एयर पॉल्यूशन किया है तो इसकी जांच भट्ठे पर जाकर चिमनी के धुएं से नहीं की गई है और जांच की गई है तो उसके साक्ष्य प्रस्तुत किए जाएं। उन्होंने आरोप लगाया कि उक्त अधिकारी ने धरातल पर बिना कोई जांच किए ही अपने ऑफिस में बैठकर ही जुर्माना लगा दिया है, जो गलत है। उन्होंने मांग की की जिस अधिकारी की लापरवाही से यह किया गया है, उस अधिकारी की जांच करके उसके खिलाफ कानूनी एवं विभागीय कार्यवाही की जाए। उन्होंने कहा कि सभी ईंट भट्ठे द्वारा अनुमोदित तकनीक का उपयोग किया जा रहा है। इसलिए विभाग द्वारा जो जुर्माना लगाया गया है, उसे निरस्त करें।
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