विश्व पर्यावरण दिवस पर आयुष मंत्रालय, भारत सरकार के निर्देशानुसार अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पूर्व आयोजन की श्रृंखला में ‘हरित योग’ कार्यक्रम संपन्न हुआ।
इस अवसर पर डॉ. अवनीश उपाध्याय, जिला नोडल अधिकारी – राष्ट्रीय आयुष मिशन ने कहां की। आयोजन केवल एक योग सत्र नहीं था, बल्कि यह जीवन को प्रकृति, संस्कृति और स्वच्छता के साथ जोड़ने वाली चेतनात्मक पहल है। यह जन-जागरूकता का वह माध्यम बन रहा है जो शरीर, मन और पर्यावरण तीनों की एकसाथ साधना करता है।
डॉ. स्वास्तिक सुरेश, जिला आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी, ने कहा कि योग से मानसिक और सामाजिक सजगता आती है। हरित योग का लक्ष्य है, नागरिकों को स्वस्थ बनाना, और राष्ट्र को हरित। जब योग और वृक्षारोपण एक साथ किए जाते हैं, तो वह केवल साधना नहीं, साधन बन जाते हैं पर्यावरण की रक्षा का।
संत प्रभाकर मंजूनाथ व स्वामी अनंतानंद ने कहा जब हम प्रकृति से प्रेम करते हैं, तो कचरे को भी संसाधन में बदल देते हैं। योग और पर्यावरण संरक्षण दोनों ही ऊर्जा का शुद्ध स्रोत हैं। योग सत्र के पश्चात वृक्षारोपण किया गया। आम, नीम, जामुन, बेल और आँवला जैसे पौधे लगाए गए।
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