हरिद्वार जिला कारागार में भी तिहाड़ जेल की तरह हाई सिक्योरिटी बैरक बनाए जा रहे हैं। उत्तराखंड की विभिन्न जेलों में बंद कुख्यात अपराधियों द्वारा चलाए जा रहे गैंग, रंगदारी व नशे के कारोबार को खत्म करने के लिए सरकार ने यह निर्णय लिया है।
पूर्व में हरिद्वार, अल्मोड़ा और पौड़ी जेल में मोबाइल के इस्तेमाल, रंगदारी मांगने, हत्या की फिरौती जैसी घटनाएं सामने आ चुकी हैं। जेलों में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो, इसके लिए पूर्व आईजी जेल पुष्पक ज्योति ने यह प्रस्ताव शासन को भेजा था। प्रस्ताव को हरी झंडी मिलने के बाद अब यह बैरक जिला कारागार हरिद्वार में बनाने का निर्णय लिया गया है। हाई सिक्योरिटी बैरक में अलग-अलग बैरक की व्यवस्था की जाएगी। बैरकों में बाहर तलाशी से लेकर हाई रेज्यूलेशन कैमरे, स्कैनर और जैमर लगाए जाएंगे। जेल प्रशासन ने बैरकों में सुरक्षा के लिए बाहर से फोर्स तैनात करने की योजना भी बनाई है। इसमें पीएसी या आईआरबी की फोर्स का ट्रेंड स्टाफ शामिल किया जा सकता है।
प्रस्ताव के तहत प्रदेश की 11 जेलों में बंद कुख्यात अपराधियों के लिए 50 बैरक बनाए जाएंगे। प्रदेश में इस समय 15 ऐसे कुख्यात कैदी हैं, जो जेलों में रहकर गैंग का संचालन कर रहे हैं। प्रदेश की जेलों में इस समय कुख्यात सुनील राठी, चीनू पंडित, प्रवीण वाल्मीकि, नरेंद्र वाल्मीकि, कलीम, इंतजार पहलवान, सुनील राठी के कई गुर्गे, प्रकाश पांडेय, भूपिंदर उर्फ भुप्पी व कुख्यात भू-माफिया यशपाल तोमर कैद हैं।
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