हरिद्वार के चंडी मंदिर में अब श्रद्धालुओं की पूजा-पाठ कराने वाले पुजारियों, मंदिर में सेवारत कर्मचारियों और प्रबंधन की जिम्मेदारी संभाल रहे कर्मियों के लिए अलग-अलग ड्रेस कोड लागू किया गया है।श्रद्धालुओं की सुविधा को देखते हुए मंदिर ट्रस्ट ने यह फैसला लिया है, ताकि किसी भी प्रकार का दुर्व्यवहार करने वाले कर्मचारी की आसानी से पहचान की जा सके।
सभी कर्मियों को बाकायदा पहचान पत्र भी जारी किया जाएगा। चंडी मंदिर में वर्ष भर लाखों की संख्या में श्रद्धालु शीश नवाने पहुंचते हैं। मंदिर तक पहुंचने के लिए कुछ श्रद्धालु उड़नखटोला का उपयोग करते हैं तो कुछ पैदल मार्ग से दर्शन करने पहुंचते हैं।उच्च न्यायालय के आदेश पर फिलहाल मंदिर की देखरेख का जिम्मा बदरी-केदार मंदिर समिति को सौंपा गया। मंदिर ट्रस्ट और बीकेटीसी आपसी सामंजस्य से मंदिर का संचालन कर रहे हैं, जिसकी निगरानी जिलाधिकारी मयूर दीक्षित कर रहे हैं।
इस बीच मंदिर की व्यवस्थाओं में कई परिवर्तन देखने को मिल रहे हैं। मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो, इसका विशेष ध्यान रखा जा रहा है। इसके अंतर्गत पुजारियों के लिए लाल धोती-कुर्ता, सेवादारों के लिए पीला कुर्ता और सफेद पायजामा, जबकि अन्य कर्मियों के लिए भूरे रंग का कुर्ता-पायजामा निर्धारित किया गया है। पहले पुजारियों के लिए पीली धोती-कुर्ता थी, लेकिन जल्दी गंदा होने के कारण अब उसे बदल दिया गया है।
More Stories
शनि अमावस्या पर हरिद्वार में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ हरिद्वार ने श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर दही हांडी प्रतियोगिता का आयोजन किया
श्रावण मास के आखिरी सोमवार पर हरिद्वार के शिवालयों में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी