उत्तराखंड चारधामों में प्रसिद्ध श्री यमुनोत्री धाम के कपाट शीतकाल हेतु आज शनिवार भैयादूज यम द्वितीया पर अपराह्न 12 बजकर 15 मिनट पर विधि-विधान पूर्वक बंद कर दिये गये हैं। उल्लेखनीय है धर्मग्रंथों के अनुसार श्री यमुना जी को यम देव अर्थात धर्मराज जी की बहिन कहा जाता है यमदेव मृत्यु के देवता है मां यमुना के दर्शन मात्र से जनमानस को मृत्यु भय से मुक्ति मिलती है।कपाटबंद होने के अवसर पर बड़ी संख्या में तीर्थ पुरोहित, श्रद्धालुजन, स्थानीय लोग मौजूद रहे । कपाटबंद होने के बाद मां यमुना की जयकारों के साथ उत्सव डोली ने शीतकालीन गद्दी स्थल खरसाली हेतु प्रस्थान किया।
उत्तराखंड चार धामों में से तीन धामों श्री केदारनाथ, गंगोत्री यमुनोत्री धाम की यात्रा समापन पर प्रदेश के महामहिम राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल ( से.नि.)गुरुमीत सिंह तथा प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी एवं पर्यटन-तीर्थाटन मंत्री सतपाल महाराज सहित श्री रविनाथ रमन, आयुक्त गढ़वाल/ मुख्य कार्यकारी अधिकारी उत्तराखण्ड चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड ने शुभकामनाएं दी है।
देवस्थानम बोर्ड के मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़ ने बताया कि तीनों धामों के कपाट शीतकाल हेतु बंद हो गये है श्री बदरीनाथ धाम के कपाट 20 नवंबर को शीतकाल हेतु बंद हो जायेंगे।
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