हरिद्वार जहां एक और प्रतिदिन यह सुनने में आता है कि बच्चों के द्वारा अपने बूढ़े मां-बाप को सताया जा रहा है वही एक और जीती जागती तस्वीर हमारे सामने आई है आज के युग में भी श्रवण कुमार जैसे पुत्र जिंदा है जो अपने बूढ़े मां बाप को धामों की यात्रा करवाते हैं जी हां आज हम बात कर रहे हैं हरिद्वार से बुलंदशहर तक का सफर तय कर रहे दो युवकों की जो कि सरवन कुमार की तरह ही कावड़ में एक तरफ अपनी बुजुर्ग माता को दूसरी तरफ अपने बड़े भाई को बैठाकर हरिद्वार से बुलंदशहर तक का सफर पैदल तय कर रहे हैं हां जी यह खबर और फोटो देखने के बाद प्रतीत होता है कि सरवन कुमार जैसे पुत्र आज भी जिंदा है हां जी इनसे बात करने पर पता चला है कि यह लगभग 10 दिनों में हरिद्वार से बुलंदशहर तक का सफर पैदल पूरा करेंगे|
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