प्रयागराज में महाकुंभ के इस पावन, पवित्र, आह्लादित करने वाले सुअवसर का पहला अमृत (शाही) स्नान 14 जनवरी को है पर आस्था का ज्वार उमड़ पड़ा है।हर तरफ मेला है, ठेला है, साधु-संतों, गृहस्थों का बस रेला ही रेला है। तीरथपति प्रयाग आने के बाद हर गली-सड़क संगम की ओर सैलाब लिए मुड़ रही है। अद्भुत, विहंगम, बस नजर भर निहारिए और नजरों में भर लीजिए इस सुअवसर को। संगम तट पर बनाए गए पुलों, रेती व जल प्रवाह की कल-कल को।
हजारों, लाखों व करोड़ों लोग संगम तट, सड़कों, चौक-चौराहों, मठ-मंदिरों से लेकर दूर-दूर तक टेंट सिटी में बैठकर माला, मंत्र जप, हवन व यज्ञ में आहुतियों से ऐसा ही कर भी रहे हैं।

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