नई फसल आने की खुशी व आपसी प्यार का पर्व है लोहड़ी

आज लोहड़ी पर्व है। नया साल शुरू होने के बाद जनवरी माह में नई फसल आने की खुशी में मनाया जाने वाला पहला बड़ा उत्सव और पर्व लोहड़ी और मकर संक्रांति का ही होता है. ठंड के इस मौसम में लोहड़ी के पर्व पर आग जलाकर उसकी पूजा की जाती है. वहीं अगले दिन मकर संक्रांति पर सूर्य देव की पूजा-आराधना की जाती है. इस साल भी 13 जनवरी को ही लोहड़ी मनाई जाएगी।

यह त्‍योहार उत्‍तर भारत में और खासकरके पंजाब में बेहद धूमधाम से मनाया जाता है. इस दिन लोहड़ी की आग के आसपास घेरा बनाकर लोग तिल-गुड़, गेहूं की बालियां अर्पित करते हैं और गिद्दा-भांगड़ा नृत्‍य करते हैं. पंजाबी समुदाय में दुल्‍हन और बच्‍चे की पहली लोहड़ी को बहुत खास माना जाता है और इसे बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है.

लोहड़ी का पूजा मुहूर्त
लोहड़ी मनाने के लिए शुभ मुहूर्त 13 जनवरी 2022, गुरुवार को शाम 07:34 बजे से शुरू होगा. शुभ मुहुर्त में खुले स्‍थान पर लकड़ी, सूखे उपलों का ढेर लगाकर आग जलाएं, उसे अर्ध्‍य दें, उसमें रेवड़ी, सूखे मेवे, मूंगफली, गजक, नारियल अर्पित करें. फिर इस पवित्र अग्नि की 7 परिक्रमा करें. परिक्रमा करते हुए इसमें रेवड़ी, मूंगफली, तिल आदि अर्पित करते जाएं. दुल्‍हन और बच्‍चे की पहली लोहड़ी पर उन्‍हें कपड़े भी उपहार में दिए जाते हैं. ज्‍योतिषाचार्यों के मुताबिक लोहड़ी पर पश्चिम दिशा की ओर एक दीप जलाकर देवी पार्वती की पूजा करना चाहिए. इससे देवी प्रसन्‍न होती हैं.

लोहड़ी मनाने के लिए कुछ चीजें बेहद जरूरी होती हैं. लिहाजा इन्‍हें पहले ही बाजार से ले आएं. लोहड़ी के लकड़ी, उपले, सूखा नारियल, मेवे, मूंगफली, गजक, तिल, रेवड़ी, मक्के की जरूरत होती है. पवित्र अग्नि में ये सामग्री अर्पित करने के अलावा रेवड़ी, तिल, गजक, मूंगफली का प्रसाद भी बांटा जाता है. वहीं देवी पार्वती की पूजा कर रहे हैं तो उन्‍हें सिंदूर, बेलपत्र अर्पित करना न भूलें. साथ ही कपूर भी जरूर जलाएं.

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