इस साल का पहला सूर्यग्रहण 20 अप्रैल 2023 गुरुवार को लगेगा। हिंदू पंचांग के अनुसार, संभवत यह ग्रहण भारत में आंशिक रूप से दिखाई देगा।सूर्य ग्रहण सुबह 7:4 से दोपहर 12:29 तक रहेगा। आंशिक होने की वजह से भारत के कई हिस्सों में सूतक काल मान्य नहीं होगा। दिल्ली-यूपी सहित अन्य राज्यों से उत्तराखंड आने वाले तीर्थ यात्री हरिद्वार हरकी पैड़ी में दर्शन कर सकेंगे। आंशिक सूर्य ग्रहण होने की वजह से मंदिरों के कपाट भी खुले रहेंगे।
ज्योतिषीय गणना के अनुसार, साल 2023 में कुल मिलाकर 4 ग्रहण लगेंगे। दो सूर्य ग्रहण और दो चंद्र ग्रहण होंगे। साल 2023 में लगने वाले दोनों सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देंगे। इस कारण से कई जगह पर इसका सूतक काल भी मान्य नहीं होगा। ज्योतिष मान्यताओं के अनुसार, ग्रहण से पहले सूतक काल शुरू हो जाता है।सूर्य ग्रहण से 12 घंटे पहले और चंद्र ग्रहण के शुरू होने से करीब 09 घंटे पहले सूतक काल शुरू हो जाता है। इस अवधि में किसी भी तरह का कोई शुभ काम या पूजा-पाठ करना वर्जित होता है। सूर्य ग्रहण तब लगता है जब चंद्रमा पृथ्वी और सूर्य के बीच आ जाता है। इससे सूर्य के सामने काला घेरा बन जाता है और पृथ्वी पर अंधकार छा जाता है।
दिल्ली-यूपी सहित अन्य राज्यों से उत्तराखंड आने वाले तीर्थ यात्रियों के लिए गुड न्यूज है। सूर्य ग्रहण की अवधि के दौरान हरकी पैड़ी खुली रहेगी। ऐसे में तीर्थ यात्री गंगा में स्नान कर सकते हैं। सूर्य ग्रहण के दौरान न तो भारत में सूतक लगेगा और न ही मंदिरों के कपाट बंद होंगे। इस साल चार ग्रहण लगे रहे हैं।
लेकिन चार ग्रहण में सिर्फ 28 और 29 अक्तूबर की रात्रि को लगने वाला चंद्र ग्रहण भारत में दिखाई देगा। ज्योतिषाचार्य प्रतीक मिश्रपुरी ने बताया कि 20 अप्रैल को लगने वाले सूर्य ग्रहण का कोई भी असर भारत में नहीं होगा। यह सूर्य ग्रहण साउथ ईस्ट एशिया, ऑस्ट्रेलिया आदि देशों में दिखाई देगा। भारत में ग्रहण के दौरान कोई भी राशि प्रभावित नहीं होगी।
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