हरिद्वार शहर पूरी तरह शिव भक्ति के रंग में रंग गया है। सोमवार सुबह से ही शिवालयों के बाहर श्रद्धालुओं की लंबी लाइन लगी रही। साथ ही हरकी पैड़ी से गंगाजल लेने के लिए कांवड़ियों की भीड़ जुट रही है।सावन के पहले सोमवार पर धर्मनगरी में सुबह से ही शिव मंदिरों में श्रद्धालुओं की लंबी कतार लग गई। कनखल स्थित मंदिर के बाहर सुबह से ही लोगों की लंबी लाइन लगी रही। जिसमें बड़ी संख्या में महिलाएं शामिल थीं। दूसरे शिवालयों में जल चढ़ाने के लिए श्रद्धालुओं की लंबी लाइन लगी है। इधर, हरकी पैड़ी पर भी सुबह से ही श्रद्धालुओं की भीड़ जुट रही है। यहां बड़ी संख्या में कांवड़िए गंगा जल लेने पहुंच रहे हैं। पहले सोमवार के दिन भक्तों ने शिव को प्रसन्न करने के लिए विशेष पूजा-आराधना की। इस दिन शिवलिंग पर गंगाजल, बेलपत्र, धतूरा, भांग, कपूर, दूध, चावल, चंदन और भस्म जैसी चीजें अर्पित की गयी। उधर, दूसरी तरफ आचार्य महामंडलेश्वर कैलाशानंद गिरी ने कहा है कि देवों के देव महादेव भगवान शिव की आराधना से मन की शुद्धि के साथ-साथ व्यक्ति के अंतःकरण की भी शुद्धि होती है और प्रेम भाव का जो अंकुर प्रस्फुटित होता है, वह भक्तों की आत्मा का परमात्मा से साक्षात्कार करवाता है। जिससे वह अपने मोक्ष का मार्ग प्रशस्त करते हैं।
नीलधारा तट स्थित श्री दक्षिण काली मंदिर में श्रावण पर्यंत जारी भगवान शिव की विशेष आराधना के दौरान भक्तों को शिव महिमा का सार समझाते हुए आचार्य महामंडलेश्वर कैलाशानंद गिरी ने यह बात कही। उन्होंने कहा कि भगवान शिव की शक्ति अपरंपार है, जो दीन दुखी दिनानाथ के दरबार में आ जाता है, उसका कल्याण अवश्य ही निश्चित है। उन्होंने कहा कि श्रावण मास में भगवान शिव की आराधना का विशेष महत्व है। क्योंकि श्रावण मास भगवान शिव को समर्पित रहता है। हमें शिव आराधना के साथ-साथ प्रकृति के संरक्षण-संवर्धन का संकल्प लेना चाहिए और अधिक से अधिक पौधरोपण करना चाहिए।
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