प्रधानमंत्री ने बताया कि डीआरडीओ वैज्ञानिकों ने ‘मिशन दिव्यास्त्र’ के तहत मल्टीपल इंडिपेंडेंटली टारगेटेबल री-एंट्री व्हीकल (एमआईआरवी) तकनीक के साथ स्वदेशी रूप से विकसित अग्नि -5 मिसाइल की पहली उड़ान परीक्षण कर लिया है।मिशन दिव्यास्त्र के सफल होने के बाद अब अग्नि 5 मिसाइलों से अब एक समय में कई टार्गेट पर निशाना लगाया जा सकता है। मिसाइल के ऊपर एक ऐसी प्रणाली लगाई जाएगी, जिससे एक समय पर तीन अलग अलग टारगेट को इंगेज किया जा सकता है। मिशन दिव्यास्त्र के परीक्षण के साथ ही भारत उन चुनिंदा देशों के समूह में शामिल हो गया है जिनके पास एमआईआरवी क्षमता है।
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