महिला आरक्षण बिल (नारी शक्ति वंदन अधिनियम) को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शुक्रवार (29 सितंबर) मंजूरी दे दी. यह विधेयक 20 सितंबर को लोकसभा और 21 सितंबर को राज्यसभा में पारित हुआ था.
किसी भी विधेयक के संसद के दोनों सदनों से पारित होने के बाद उसे राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए भेजा जाता है ताकि वो कानून बन सके।इस कानून के लागू होने पर लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण मिलेगा. बिल के संसद से पास होने पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा था कि यह लैंगिक न्याय के लिए हमारे समय की सबसे परिवर्तनकारी क्रांति होगी.
कई विपक्षी दलों ने बिल का समर्थन तो किया है लेकिन इसे लागू करने के लिए निर्धारित किए गए प्रावधानों को लेकर सरकार की आलोचना की है. दरअसल, बिल के प्रावधान कहते हैं कि है कि इसे जनगणना और परिसीमन प्रक्रिया पूरी होने के बाद लागू किया जाएगा. लोकसभा चुनाव 2024 के बाद जनगणना होगी और उसके बाद परिसीमन होगा.
जानकारों की मानें तो यह 2029 के लोकसभा चुनाव के आसपास अमल में आ सकेगा, जबकि मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस समेत कई पार्टियों ने इसे जल्द से जल्द लागू करने की मांग की है, साथ ही यह भी कहा है कि इसमें ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) और मुस्लिम महिलाओं को भी शामिल करना चाहिए.
More Stories
लोकसभा सदन में ऑपरेशन सिंदूर के बारे में रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने विपक्ष के सवालों का जवाब दिया
जैगुआर फाइटर जेट क्रैश हादसे में दोनों पायलटो ने अपनी जान गंवाकर ग्रमीणों की जान बचाई
अहमदाबाद में एयर इंडिया का विमान क्रैश सभी यात्रियों की मौत