जनपद प्रभारी मंत्री सतपाल महाराज की अध्यक्षता में सीसीआर सभागार में जिला योजना समिति की बैठक आयोजित की गई।समिति द्वारा जिला योजना में वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए जनपद के लिए कुल प्रस्तावित परिव्यय 67.35 करोड़ की धनराशि का अनुमोदन किया गया।
बैठक में जनपद प्रभारी मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि सभी के कुछ न कुछ विचारों को योजना में समाहित करते हुए जनपद का समग्र विकास किया जायेगा। उन्होंने निर्देशित करते हुए कहा कि जिला योजना में सीमित बजट से ज्यादा महत्व की योजनाओं को विशेष महत्व दिया जाये। उन्होंने निर्देशित करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा निर्देश दिये गये हैं कि जनहित में तेजी से काम करते हुए विकास की गति को आगे बढ़ाया जाये। उन्होंने सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण के विषय में जानकारी देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में शीघ्र ही उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ लखनऊ में बैठक होने वाली है, जिसके लिए लगभग सभी तैयारियां कर ली गई हैं। उन्होंने कहा कि इकबालपुर नहर में 450 क्यूसेक पानी चाहिए तथा सीलाखाले के लिए भी तैयारियां पूरी हैं।
उन्होंने कहा कि बाढ़ नियंत्रण हेतु नालों के ऊपर से अतिक्रमण हटवाकर सफाई कराई जायेगी। उन्होंने वन विभाग को बजट स्वीकृति के दौरान निर्देशित करते हुए कहा कि ग्लोबल वार्मिंग का प्रभाव विभिन्न क्षेत्रों में देखने को मिल रहा है और व्यक्ति सकून से कुछ समय बिताने के लिए शहर से निकलर जंगल की ओर रूख कर रहे हैं। इसलिए जंगलों के रास्ते में मोबाईल नेटवर्क की उपलब्धता एवं अनउपलब्धता के बारे में सूचना पट्ट लगाये जाये तथा जंगलों के आस-पास स्थित ग्रामीण क्षेत्रों में गांव के नाम का बोर्ड अवश्य लगाया जाये ताकि कोई भी व्यक्ति अनावश्यक परेसान न हो।उन्होंने स्वास्थ्य विभाग को बजट स्वीकृति के दौरान महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश देते हुए कहा कि संभावित कोविड-19 के नए वेरिएण्ट से लड़ने की पूरी तैयारी है। उन्होंने जनता से अपील करते हुए कहा कि बदलते खान-पान एवं दिनचर्या में योग तथा आयुर्वेद को अपनायें तथा इम्युनिटी बूस्ट करने पर विशेष ध्यान दें।
बैठक में मुख्य विकास अधिकारी आकांक्षा कोण्डे ने जिया योजना की जानकारी देते हुए बताया कि चालू वित्तीय वर्ष के लिए शासन द्वारा हरिद्वार का परिव्यय धनराशि 6735.60 लाख निर्धारित की गई है। जिसमें से सामान्य मद में 5297.60 लाख रूपये, अनुसूचित जाति मद में 1404.50 लाख रूपये तथा अनुसूचित जनजाति मद में 33.50 लाख रूपये निर्धारित की गई है। उन्होंने बताया कि शासन से प्राप्त दिशा-निर्देशानुसार चालू एवं वचनबद्ध कार्यों में लगभग 65 प्रतिशत धनराशि तथा विभिन्न विभागों के नवीन कार्यों हेतु 35 प्रतिशत धनराशि की व्यवस्था की गई है।
उन्होंने बताया कि कुल परिव्यय की 19 प्रतिशत से अधिक धनराशि स्वरोजगार तथा आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने हेतु प्राविधानित की गई है। जिला योजना में नवाचार एवं अभिनव कार्यों के प्रस्तावों को प्रोत्साहित किया गया है। उन्होंने बताया कि निर्माण कार्यों से सम्बन्धित समस्त योजनाओं की ज्यो टैग कार्य प्रारम्भ होने से एवं कार्य पूर्ण होने के पश्चात अनिवार्य रूप से कराई जायेगी। उन्होंने बताया कि जिला योजना में स्थानीय स्तर पर सतत् विकास लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए जिला योजना संरचना तैयार की गई है।
जिलाधिकारी कर्मेन्द्र सिंह ने कहा कि बैठक में दिए गए दिशा-निर्देशों का शतप्रतिशत अनुपालन सुनिश्चित कराया जायेगा।
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