हरिद्वार के ज्वालापुर में शत्रु संपत्ति पर आशियाना बना चुके लोगों की धड़कनें बढ़ गई हैं। मामले में तत्कालीन एसडीएम समेत 28 लोगों पर एफआईआर के बाद इस संपत्ति को खाली कराने की आशंका बढ़ गई है।ऐसा होता है तो 150 से ज्यादा घरों का ध्वस्तीकरण होना तय है।
सूत्र बताते हैं कि विजिलेंस की एक टीम जल्द ही पड़ताल के लिए ज्वालापुर पहुंचेगी। वहीं, शत्रु संपत्ति को बेचने के खेल में शामिल लोगों पर गिरफ्तारी की तलवार भी लटक गई है। ज्वालापुर में शत्रु संपत्ति की खरीद-फरोख्त का मामला करीब 15 साल से चला आ रहा है।
शिकायत पर कई बार जांच हुई, लेकिन कार्रवाई तक नहीं पहुंची। इधर, संपत्ति बिकती रही और बिल्डिंग पर बिल्डिंग बनती रही। अब विजिलेंस की ओर से एक पीसीएस अधिकारी सहित 28 लोगों पर एफआईआर कराने के बाद यह मामला फिर से ताजा हो गया है।जमीन पर कई मकान बने हुए हैं। इनमें कुछ ऐसे हैं, जिन्होंने बने बनाए मकान खरीदे हैं। जबकि कुछ ने अपनी जरूरत और सुविधा को ध्यान में रखते हुए खुद आशियाना बनाया। अब एफआईआर होने से ऐसे मकानों के ध्वस्त होने का खतरा बढ़ गया है।
इसलिए इन परिवारों की नींद उड़ी हुई है। वहीं, खरीद-फरोख्त कर संपत्ति खुर्द बुर्द करने के खेल में शामिल लोगों की हवाइयां भी उड़ी हुई हैं। सरकारी अधिकारी कर्मचारियों के साथ ही कई अधिवक्ता भी मुकदमे की जद में आए हैं। ज्वालापुर क्षेत्र में इन दिनों ये मामला चर्चा का विषय बना हुआ है।
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