आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि शरद पूर्णिमा के नाम से जानी जाती है। इस साल 28 अक्तूबर को शरद पूर्णिमा है। शरद पूर्णिमा को लेकर कई तरह की मान्यताएं प्रचलित हैं।कुछ मान्यताओं के अनुसार कहा जाता है कि शरद पूर्णिमा की रात मां लक्ष्मी पृथ्वी पर भ्रमण करती हैं और अपने भक्तों को सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देती हैं। वहीं एक अन्य मान्यता है कि द्वापर युग में भगवान श्रीकृष्ण ने इसी तिथि पर गोपियों संग महारास रचाया था। इसलिए इसे रास पूर्णिमा भी कहा जाता है। शरद पूर्णिमा तिथि मनोकामना पूर्ण करने वाली मानी जाती है।
मान्यताओं के अनुसार शरद पूर्णिमा की रात को खीर बनाकर चंद्रमा की रोशनी में रखा जाता है जिससे वह खीर अमृत्तुल्य हो जाती है जिसका सेवन सुबह ब्रह्म मुहूर्त में करने पर अमृत के समान ही फल मिलता है ।
More Stories
छठ महापर्व को लेकर हरिद्वार के बाजारों में रौनक लौटी
प्रयाग कुंभ में गैर हिंदुओं का प्रवेश वर्जित : अखाड़ा परिषद
अखाड़े के साधु संतों ने शस्त्र पूजा की