धर्मनगरी के सम्मान में देवभूमि भैरव सेना संगठन मैदान में

आज दिनांक 21 अगस्त से हरिद्वार जिला प्रशासन व सरकार के खिलाफ भगवान श्रीराम चौक पर भूख हड़ताल के लिए देवभूमि भैरव सेना संगठन की महिला मोर्चा की शहर अध्यक्ष शिल्पी ग्रोवर जी बैठ गई है।

देवभूमि भैरव सेना संगठन हरिद्वार पिछले काफी वर्षों से मांग करता चला आ रहा है कि हरिद्वार धर्मनगर है करोड़ों लोगों की आस्था जुड़ी है कुंभ क्षेत्र है की हरिद्वार नगर निगम से जितने भी मांस की दुकान हैं इन सभी मांस विक्रेताओं को नगर निगम क्षेत्र से बाहर किया जाए जबकि हाई कोर्ट के आदेश अनुसार हरिद्वार जिले के अंदर कहीं भी जानवर कट नहीं सकते ।किसी दुकानदार के पास एनओसी लाइसेंस नहीं है यह मुख्य नगर अधिकारी जी का कहना है फिर यह सब अवैध धंधे किसकी सर पर चल रहे हैं खुलेआम गायों की हत्याएं हो रही है जैसे कि आज भी पांच कुंतल गौ मास बरामद हुआ।

ज्वालापुर क्षेत्र में यह मांस विक्रेता वेस्ट मास्क गंगा जी में डाल रहे हैं। कई बार अधिकारियों को इसकी सूचना दी हरिद्वार का जिला प्रशासन ईश्वर आंख बंद किए हुए हैं। महिला मोर्चा की जिला अध्यक्ष सरिता मिश्रा जी का कहना है कि धर्म नगरी के मान मर्यादा का पालन हो यह हिंदू बहुमूल्य क्षेत्र है धर्म नगरी का सम्मान किया जाए शहर अध्यक्ष भूख हड़ताल पर बैठने वाली शिल्पी ग्रोवर जी का कहना है कि हम किसी को खाने से नहीं रोक रहे लेकिन हमारा कहना यह है कि जितने भी दुकानदार हैं इनको बाहर एकांत में स्थान दिया जाए नगर निगम क्षेत्र से बाहर अगर ऐसा नहीं हुआ तो हम लोग अनिश्चितकाल के लिए भूख हड़ताल पर बैठे हैं।अगर कोई घटना घटती है उसकी जिम्मेदारी सरकार की वह प्रशासन की होगी ।

धरना स्थल पर बैठने वाले में जिलाध्यक्ष चरणजीत पावा महिला मोर्चा की जिला अध्यक्ष सरिता मिश्रा जी रानी सिंह जी पंडित अधीर कौशिक जी शहर अध्यक्ष बक्शी चौहान जिला उपाध्यक्ष सौरभ चौहान, विश्व चौहान कार्यकारिणी जिला अध्यक्ष विक्की चौहान हरिद्वार विधानसभा प्रमुख दिवाकर वर्मा जिला महामंत्री अनिल सैनी जी जिला कोषाध्यक्ष सतेंद्र यादव जी शहर मंत्री संजय मेहरा जी, पारस चौहान ,श्याम सुंदर शर्मा ,विजेंद्र पवार ,विनय प्रजापति ,अरविंद चौहान, संचित ग्रोवर, युवा मोर्चा जिला अध्यक्ष लव चौहान युवा मोर्चा जिला उपाध्यक्ष विशाल प्रजापति युवा मोर्चा का जिला उपाध्यक्ष मनी चौहान मुकेश चौहान शहर मीडिया प्रभारी संचित जैन मुकेश गुप्ता जी आदि।

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