हरिद्वारः उत्तराखंड में सरकारी संपत्तियों से अवैध कब्जों को खाली कराया जा रहा है. जिसके तहत सरकारी भूमि से अवैध मजारों को भी हटाने की कार्रवाई जारी है. लेकिन इस कार्रवाई से मुस्लिम समाज के लोग नाराज नजर आ रहे हैं. इस कड़ी में मुस्लिम समाज के प्रतिनिधियों ने खानपुर विधायक उमेश कुमार के नेतृत्व में डीएम कैंप कार्यालय पहुंचकर अपना पक्ष रखा. मुस्लिम समाज के प्रतिनिधियों ने मांग की है कि जिला प्रशासन केवल उन्हीं मजारों पर कार्रवाई करे जो साल 2008 के बाद सरकारी संपत्तियों पर बनी हैं और उनमें व्यावसायिक गतिविधियां हो रही हैं.
दरअसल, हरिद्वार में सरकारी संपत्तियों से कई धार्मिक अतिक्रमण तोड़े गए हैं. इन धार्मिक अतिक्रमण में कई अवैध मजारें भी शामिल हैं, जिनको जिला प्रशासन ने ये हवाला देते हुए तुड़वाया है कि ये सरकारी संपत्तियों पर बनी हैं. कुछ साल पहले इन्हें केवल धर्म की आड़ में व्यावसायिक गतिविधियां करने के लिए बनाया गया है.रोशनाबाद कैंप कार्यालय पहुंचकर खानपुर विधायक उमेश कुमार के नेतृत्व में मुस्लिम समाज का 5 सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल डीएम विनय शंकर पांडे से मिला. इस दौरान मुस्लिम समाज ने डीएम के सामने अपना पक्ष रखा. मुस्लिम समाज के प्रतिनिधियों का कहना है कि जिला प्रशासन की इस कार्रवाई में उन धार्मिक स्थलों को निशाना न बनाया जाए, जो कई साल पुरानी हैं और आस्था जुड़ी हैं.
वहीं, इस बैठक में एसडीएम पूरन सिंह राणा भी मौजूद रहे. करीब आधे घंटे तक चली वार्ता के दौरान डीएम विनय शंकर पांडे ने मुस्लिम समाज के प्रतिनिधियों की बातों को सुना. कलियर शरीफ दरगाह के गद्दी नशीन के प्रतिनिधि सादाब कुरैशी ने कहा कि जिला प्रशासन की ओर से मुस्लिम समाज को विकल्प के तौर पर मजार को कहीं और शिफ्ट कराने की बात कही जा रही है, लेकिन किसी भी धर्म में मजार या समाधि जैसे स्थल शिफ्ट नहीं किए जा सकते हैं. लिहाजा, मुस्लिम समाज चाहता है कि सड़कों को चौड़ी करने के लिए जिला प्रशासन ऐसे रास्ते निकालें, जिससे प्राचीन मजारें भी बची रहें और सरकारी कार्यों व विकास में कोई दखल भी न हो.
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