चुनाव को लेकर प्रशासनिक गतिविधियां तेज हो गई हैं। निर्वाचन आयोग की ओर से वाहनों की मांग पर रोडवेज की बसें और टैक्सियों को अधिग्रहीत कर लिया गया है। इसी क्रम में रोडवेज की 26 बसों को फोर्स लाने के लिए राजस्थान के कोटा, सीकर और यूपी के मथुरा भेज दिया गया है।रोडवेज से मिली जानकारी के अनुसार ये बसें अब मतदान के बाद ही रूट पर चलेंगी। जिससे यात्रियों को अब एक सप्ताह तक परेशानियों का सामना करना पड़ेगा। वहीं 12 फरवरी को 24 बसों को जिला मुख्यालय पर भी भेजा जाएगा। जहां से पोलिंग पार्टियां मतदान केंद्रों के लिए रवाना होंगी।
मंगलवार को राजस्थान के कोटा शहर के लिए 16, सीकर के लिए पांच बसों को भेजा गया था। बुधवार को यूपी के मथुरा शहर में भी पांच बसों को फोर्स को लाने के लिए भेजा गया है। बसों के अधिग्रहण से यात्रियों का संकट बढ़ गया है। बसों का संचालन कम होने से यात्रियों को सफर करने के लिए मशक्कत करनी पड़ सकती है। हरिद्वार डिपो के बेड़े में कुल 111 बसें हैं। जिसमें 90 बसें सड़कों पर दौड़ती हैं। 21 बसें ऑफ रूट या फिर वर्कशॉप में खड़ी रहती है। इसमें से 55 अंडरटेकिंग बसें हैं। वहीं 56 रोडवेज की अपनी बसें हैं। 12 फरवरी को चुनाव में 24 बसों के और जाने से रोडवेज पर निगम की छह बसें ही बचेंगी। ऐसे में अंडर टेकिंग बसों के सहारे यात्रियों को सफर करना पड़ेगा। जिससे बसों के इंतजार में यात्रियों को घंटों पर परेशान होना होगा।
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