राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के तत्वावधान में देवर्षि नारद जयंती समारोह का आयोजन रविवार काे को प्रेस क्लब सभागार में किया गया। इस अवसर पर दून विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो.सुरेखा डंगवाल ने पत्रकारिता के प्रणेता देवर्षि नारद को स्मरण करते हुए उनके सत्य, समाजहित व लोकमंगल के प्रति समर्पण को प्रेरणादायी बताया।
संगोष्ठी के विषय राष्ट्र की सुरक्षा में समाज की भूमिका पर कुलपति ने कहा राष्ट्र सर्वोपरि है। हमें हर हाल में राष्ट्र के साथ खड़े रहना है। ऑपरेशन सिंदूर भारत की आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई का प्रतीक है और इसके लिए मैं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उनकी सरकार की दृढ़ इच्छाशक्ति की सराहना करती हूं। यह ऑपरेशन न केवल हमारी सैन्य शक्ति को दर्शाता है, बल्कि राष्ट्र की एकता और संकल्प को भी मजबूत करता है।”उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर की आलोचना करने वालों को आड़े हाथों लेते हुए कहा, “जो लोग इस ऑपरेशन में मीन- मेख निकाल रहे हैं, वे राष्ट्र के हितों के खिलाफ खड़े हैं। हमें ऐसे तत्वों के प्रति सजग रहना होगा। कुलपति ने आगे कहा कि आगामी समय और चुनौतीपूर्ण होगा, इसलिए राष्ट्र को और मजबूत करने की आवश्यकता है। उन्होंने भ्रष्टाचार से दूर रहकर आध्यात्मिक और नैतिक मूल्यों को अपनाने का आह्वान किया।
उन्होंने 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने की परिकल्पना को दोहराया और कहा कि हमें राष्ट्रहित में अपनी आवाज बुलंद करनी होगी। प्रत्येक नागरिक को भ्रष्टाचार से मुक्त, आध्यात्मिक और समर्पित होकर इस लक्ष्य को साकार करने में योगदान देना होगा।उन्हाेंंने कार्यक्रम में मौजूद पत्रकारों से भी अपील की कि वे देवर्षि नारद के आदर्शों का अनुसरण करते हुए सत्य, निष्पक्षता और राष्ट्रहित को प्राथमिकता दें।
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