हरिद्वारः कनखल के जगदीशपुर क्षेत्र में निर्माणाधीन राजकीय मेडिकल कॉलेज के शिलान्यास शिलापट्ट पर मेयर का नाम न लिखे जाने पर अनीता शर्मा नाराज हो गईं. शिलापट्ट पर अपना नाम गायब देख मेयर अनीता शर्मा का पारा चढ़ गया और उसे तोड़ने का प्रयास किया, लेकिन शिलापट्ट नहीं टूटा. इसके बाद मेयर शर्मा ने कॉलेज के प्रिंसिपल को दो दिन का अल्टीमेटम देते हुए शिलापट्ट पर नाम अंकित करने को कहा.
दरअसल, हरिद्वार मेयर अनीता शर्मा राजकीय मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल आरएस राणा और पार्षदों के साथ नगर निगम की भूमि पर निर्माणाधीन मेडिकल कॉलेज का निरीक्षण करने गई थीं. तभी उनकी नजर वहां पर लगे शिलापट्ट पर गई. जिस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री पुष्कर धामी, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया, प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत, स्थानीय विधायक और अधिकारियों के नाम तो अंकित थे, लेकिन मेयर का नाम ही नहीं था. जिससे उनका पारा चढ़ गया और शिलापट्ट को तोड़ने की कोशिश की, लेकिन शिलापट्ट टूटा ही नहीं. इस दौरान मेयर और पार्षदों ने विरोध जताते हुए सरकार के खिलाफ नारेबाजी भी की.
हरिद्वार मेयर अनीता शर्मा ने कहा कि भूमि नगर निगम ने मुफ्त में दी है, लेकिन निगम के किसी अधिकारी, पार्षद या मेयर का नाम तक बीजेपी सरकार ने नहीं लिखा है. जो बेहद निंदनीय है. जगजीतपुर स्थित मेडिकल कॉलेज नगर निगम की ओर से हस्तांतरित जमीन पर बनाया जा रहा है. बावजूद इसके शिलान्यास के पत्थर में मेयर का नाम शामिल नहीं किया गया है. जबकि, बीजेपी के नेताओं के नाम लिखे गए हैं. मेयर शर्मा ने इसे महिला का अपमान बताया और इसे हटाकर उनका नाम लिखे शिलापट्ट लगाने की मांग की.
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