हरिद्वार स्थित मनसा देवी और चंडी देवी दोनों स्थलों के विस्तृत अध्ययन की आवश्यकता व्यक्त की गई है। विस्तृत अध्ययन में केंद्र के विशेषज्ञ सुझाव देंगे कि दोनों मंदिर स्थलों की पहाड़ियों का उपचार कैसे किया जा सकता है।
भारी बारिश के कारण हरिद्वार स्थित प्रसिद्ध मनसा देवी और चंडी देवी मंदिरों की हिलती पहाड़ियों ने स्थानीय प्रशासन को परेशान कर दिया है. जिलाधिकारी की मांग पर आपदा प्रबंधन विभाग के उत्तराखंड भूस्खलन न्यूनीकरण केंद्र ने दोनों मंदिरों के परिसर में हो रहे भूस्खलन की प्रारंभिक जांच पूरी कर ली है. केंद्र के निदेशक शांतनु सरकार के मुताबिक केंद्र ने प्रारंभिक जांच रिपोर्ट जिला प्रशासन को सौंप दी है.
इस रिपोर्ट में दोनों स्थलों के विस्तृत अध्ययन की आवश्यकता जताई गई है. विस्तृत अध्ययन में केंद्र के विशेषज्ञ सुझाव देंगे कि दोनों मंदिर स्थलों की पहाड़ियों का उपचार कैसे किया जा सकता है। केंद्र के निदेशक का कहना है कि बारिश के कारण अभी विस्तृत अध्ययन संभव नहीं है. केंद्र की टीम बरसात के बाद दोनों स्थलों का विस्तृत अध्ययन करेगी।
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