देहरादून: उत्तराखंड में ईको टूरिज्म और जड़ी बूटियों को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार की तरफ से तमाम नियमों के शिथिलीकरण समेत कई कदम उठाए जा रहे हैं. इसी दिशा में मुख्य सचिव डॉ एसएस संधू ने अधिकारियों की समीक्षा बैठक की. बैठक में मुख्य सचिव ने ईको टूरिज्म और जड़ी बूटी दोनों ही क्षेत्रों में रोजगार की अपार संभावनाओं को देखते हुए उन्हें आर्थिकी से जोड़ने के निर्देश दिए.
राज्य में जड़ी बूटी को आर्थिकी से जोड़ते हुए इस क्षेत्र में बड़े प्रयास कर रोजगार की संभावनाओं को बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है. इस दिशा में मुख्य सचिव ने जड़ी-बूटी के लिए रवन्ना व्यवस्था को सरल करने और केंद्र सरकार के नेशनल ट्रांजिट पास से जोड़े जाने के निर्देश दिए. इसके अलावा जड़ी बूटी उत्पादन और इसके चुगान के लिए श्रमिकों को प्रशिक्षण देने पर भी जोर दिया गया. साथ ही जनपद स्तरीय समितियों को वित्तीय और दूसरी शक्तियों में और अधिक अधिकार देने के भी निर्देश दिए गए.इस दौरान ईको टूरिज्म की तरह ही जड़ी-बूटी को बढ़ावा देने के लिए हर जिले में संभव होने पर हर्बल विलेज स्थापित करने के लिए कहा गया है. साथी जनपदों में वन क्षेत्र में जड़ी बूटियों की संभावनाओं को तलाशने के लिए भी प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए गए. इस दौरान ईको टूरिज्म को भी बढ़ाने पर चर्चा की गई. जिसमें रुद्रप्रयाग और हरिद्वार जिले को ईको टूरिज्म के लिहाज से बेहतर करने पर चर्चा की गई.
समीक्षा बैठक के दौरान चकराता वन प्रभाग में बनाए गए ईको टूरिज्म और ट्रैकिंग सर्किट थडियार मार्च का प्रस्तुतीकरण भी दिया गया. जिसके बाद मुख्य सचिव ने इसी आधार पर बाकी जिलों में भी सर्किट विकसित किए जाने के लिए कहा. चर्चा के दौरान रुद्रप्रयाग और हरिद्वार जिले में दूसरे छोटे-छोटे ईको टूरिस्ट डेस्टिनेशन तैयार करने के निर्देश भी दिए गए. ताकि पर्यटकों के अधिक दिन तक रहने की स्थिति में वे सुविधाजनक और आकर्षक टूरिस्ट डेस्टिनेशन का लाभ ले सके.
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