राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद रविवार को दो दिन के दौरे पर हरिद्वार में पंतजिल योगपीठ पहुंचे। पतंजलि पहुंचकर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने योग गुरू बाबा रामदेव व आचार्य बालकृष्ण से मुलाकात की।जिसके राष्ट्रपति पतंजलि विवि के दीक्षांत समारोह में शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने डिग्री पाने वाले छात्र-छात्राओं को शुभकामनाएं दीं और उनके उज्जवल भविष्य की कामना भी की।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि दस से पंद्रह वर्ष पूर्व भारत में योग को एक तपस्या माना जाता था। ऐसा लोग समझते थे कि संन्यासी ही योग कर सकते हैं। लेकिन स्वामी रामदेव ने योग की परिभाषा को बदल दिया है। आज चाहे कोई भी व्यक्ति चाहे वह रेलवे स्टेशन और कहीं प्रतीक्षा के कक्ष में बैठा हो, वह अनुलोम-विलोम आदि करता हुआ मिल जाएगा। पतंजलि समूह के शिक्षण संस्थान में भावी पीढ़ी को राष्ट्र निर्माण के लिए तैयार किया जा रहा है। जिससे भारतीयता का विकास हो रहा है।
कार्यक्रम के बाद राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने पतंजलि में चंदन कर पौधा भी लगाया। इसके बाद वह हेलीकॉप्टर से ऋषिकेश के लिए निकल गए।
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