देश की पहली जायरोकॉप्टर की हवाई सफारी पर बाढ़ और कुंभ मेले की जमीन का पेच फंस गया है।डीएम के आश्वासन के बाद भी यूपी सिंचाई विभाग जमीन देने को तैयार नहीं है। जिलेदार का कहना है कि वह जमीन देना संभव नहीं है। उधर, रोक के बाद फिर से हवाई पट्टी का निर्माण कार्य शुरू कर दिया गया है।
दरअसल, रविवार को जायरोकॉप्टर से सैलानियों को हवाई सफारी कराने के लिए सफल ट्रायल किया गया था। इससे एडवेंचर के लिए बनाई गई योजना की सफलता के करीब पहुंचने से पर्यटन विभाग के अधिकारियों के चेहरे खिल उठे, लेकिन यूपी सिंचाई विभाग की ओर से अनुमति नहीं लेने से अब योजना पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। यूपी सिंचाई विभाग ने बिना अनुमति के जमीन पर हवाई पट्टी और स्ट्रक्चर खड़ा करने का काम का रुकवा दिया है। पर्यटन विभाग और कार्यदायी संस्था को नोटिस जारी किया गया। यूपी सिंचाई विभाग के पत्र पर जिलाधिकारी की ओर से संज्ञान लिया गया।
जिलाधिकारी की ओर से सिंचाई विभाग से अनुमति देने के लिए कहा गया। साथ ही आश्वासन दिया गया कि जमीन पर अस्थायी निर्माण किया जा रहा है। इससे यूपी सिंचाई विभाग की जमीन सुरक्षित है। जरूरत पड़ने पर यह निर्माण हटा लिया जाएगा। अब जब यूपी सिंचाई विभाग के पास जिलाधिकारी का पत्र पहुंचा तो उसने फिर से अनुमति नहीं देने की बात कही है। यूपी सिंचाई विभाग के जिलेदार देवेश कुमार ने बताया कि एक तो जमीन के प्रयोग के लिए कोई अनुमति नहीं ली गई है। दूसरे जिस जमीन पर जायरोकॉप्टर उड़ाने के लिए निर्माण किया जा रहा है, वह बिल्कुल गंगा किनारे बाढ़ क्षेत्र में आती है।
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