आर्य समाज की सबसे पुरानी संस्थाओं में से एक गुरुकुल महाविद्यालय के पदाधिकारियों ने पतंजलि योगपीठ पर महाविद्यालय की भूमि को कब्जाने को षड्यंत्र रचने के गंभीर आरोप लगाए हैं।इस दौरान महाविद्यालय के अधिष्ठाता सोम प्रकाश सहित योगाचार्य कर्मवीर सहित गुरुकुल महाविद्यालय के कई आचार्य व पदाधिकारी मौजूद रहे।
गुरुकुल महाविद्यालय के सभागार में शनिवार को मीडिया से बातचीत में योगाचार्य कर्मवीर ने कहा कि आजादी के समय से देश में 3 लाख 40 हजार गुरुकुल होते थे, जिसकी संख्या समय के प्रभाव के साथ आज मात्र 4 हजार रह गई। इन्हीं गिने चुने गुरुकुल महाविद्यालयों में से एक हरिद्वार के इस महाविद्यालय पर संकट के बादल छाए हुए हैं। मुझे बताया गया है कि कुछ लोग इस पर कब्जा करना चाहते हैं, लेकिन ऐसे लोगों के मंसूबों को नाकाम तभी किया जा सकता है जब महाविद्यालय का एक-एक पदाधिकारी और कर्मचारी संस्था को बचाने के लिए एक होकर साथ खड़ा हो।
गुरुकुल महाविद्यालय के अधिष्ठाता सोम प्रकाश ने कहा कि पूर्व में हमारी संस्था के ही निकाले गए पदाधिकारियों ने मिलकर एक फर्जी संस्था बनाई जिसे ना जिलाधिकारी और ना ही रजिस्ट्रार से मान्यता है और उनका मामला भी कोर्ट में विवादित है, जबकि हमारी संस्था ही वर्तमान में रजिस्टर्ड है और अस्तित्व में है। उन्होंने आरोप लगते हुए कहा कि उसी फर्जी संस्था को पतंजलि योगपीठ ने महाविद्यालय की भूमि को पतंजलि योगपीठ में विलय करने सम्बन्धी एक प्रस्ताव दिया। आरोप है कि उस फर्जी संस्था ने इस सम्बन्ध में अपनी सहमति भी पतंजलि योगपीठ को दे दी।
उन्होंने कहा कि पतंजलि योगपीठ के ऐसे किसी भी षड्यंत्र को किसी भी सूरत में सफल नहीं होने दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि महाविद्यालय के नाम पर निष्कासित लोगों द्वारा बनाई गई फर्जी संस्था ने जिस प्रकार पतंजलि योगपीठ के साथ मिलकर गुरुकुल महाविद्यालय की भूमि को खुर्द-खुर्द करने का ताना-बाना बुना है उसे बिल्कुल भी सफल होने नहीं दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि जिस एसडीएम बिल्डिंग का वर्षों से रुका किराया जो करीब 50 लाख है उसे ना चुकाना पड़े, इस नियत से भी फर्जी संस्था ने पतंजलि योगपीठ के साथ हाथ मिलाया।
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