हरिद्वार। कलेक्ट्रेट सभागार में हुई बैठक में डीएम ये निर्देश अधिकारियों को दिए। ट्रांसजेंडर के लिए एक हॉस्टल और मेला अस्पताल में अलग से ओपीडी बनाई जाएगी।देवपुरा में विकसित किए जा रहे फूड स्ट्रीट में भी उन्हें प्राथमिकताएं दी जाएंगी।
शुक्रवार को हुई ट्रांसजेंडर प्रोटेक्शन की बैठक में ट्रांसजेंडर्स ने समाज में रहने के लिए आने वाली परेशानियों की जानकारी दी। बताया कि हमारी दो तरह की कैटेगरी हैं, एक तो कल्चर आदि से जुड़ी हुई है, दूसरी कैटेगरी जो स्वतंत्र रूप से रहना चाहती हैं। उन्होंने बताया कि हम लोगों की रहस्यमयी जिंदगी रही है। बहुत से उस रहस्यमयी संसार से बाहर नहीं आना चाहते हैं। जिससे हम लोगों में एकजुटता नहीं आ पाती है। जिसकी वजह से जिन समस्याओं का हमें समाज में सामना करना पड़ता है, उनका समाधान नहीं हो पाता है। उन्होंने जिलाधिकारी को बताया कि जनपद में सर्वाधिक 294 ट्रांसजेंडर हैं।
जिलाधिकारी ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि ट्रांसजेंडर के लिए एक हॉस्टल बनाने के लिए एक प्रस्ताव समाज कल्याण विभाग को दें। उन्होंने मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. मनीष दत्त को निर्देश दिए कि ट्रांसजेंडर्स के लिए भी अस्पताल में एक अलग से ओपीडी की व्यवस्था की जाए। इस पर मुख्य चिकित्साधिकारी ने बताया कि यह व्यवस्था मेला अस्पताल में जल्न्दी ही प्रारंभ कर देंगे।
डीएम के पूछने पर मुख्य नगर आयुक्त दयानंद सरस्वती ने बताया कि देवपुरा के पास फूड स्ट्रीट विकसित करने जा रहे हैं, इसमें इन लोगों को दुकान आवंटित करने में प्राथमिकता दी जाएगी। जिलाधिकारी ने कहा कि ट्रांसजेंडर्स की समस्याओं का प्राथमिकता से निदान किया जाएगा।
इस मौके पर मुख्य चिकित्साधिकारी डा. मनीष दत्त, जिला समाज कल्याण अधिकारी टीआर मलेठा, जिला प्रोबेशन अधिकारी अविनाश भदौरिया, जिला कार्यक्रम अधिकारी सुलेखा सहगल, मुख्य शिक्षा अधिकारी केके गुप्ता आदि मौजूद रहे।
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