हाईकोर्ट ने बुधवार को हरिद्वार में इकबालपुर स्थित चीनी मिल द्वारा गन्ना किसानों के करोड़ों रुपये के बकाये का भुगतान न करने के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की। कोर्ट ने मामले को सुनने के बाद जिलाधिकारी हरिद्वार को गुरुवार को कोर्ट में पेश होने के निर्देश दिए हैं।
पिछली तिथि पर कोर्ट ने गन्ना किसानों को 14 करोड़ के भुगतान के निर्देश दिए थे। सुनवाई मुख्य न्यायाधीश आरएस चौहान एवं न्यायमूर्ति एनएस धानिक की खंडपीठ में हुई।
हरिद्वार निवासी नितिन ने जनहित याचिका दायर की है। इसमें कहा है हरिद्वार स्थित इकबालपुर चीनी मिल (धनश्री एग्रो) पर गन्ना किसानों का 2017-18 का 108 करोड़ और 2018-19 का 109 करोड़ का बकाया है। याचिकाकर्ता का यह भी कहना है कि सरकार के आदेश पर विभिन्न बैंकों से चीनी मिल को सॉफ्ट लोन के रूप में 214 करोड़ रुपये दिलाए गए। जबकि जनता द्वारा जमा राशि को सॉफ्ट लोन के लिए प्रयोग नहीं किया जा सकता है। याचिकाकर्ता ने किसानों का गन्ने का भुगतान करने के लिए जब्त की गई चीनी की नीलामी करने की मांग की की है। जिलाधिकारी हरिद्वार ने पूर्व में कोर्ट को बताया था कि इकबालपुर चीनी मिल प्रशासन को सहयोग नहीं कर रही है। इस मिल से करीब 19,903 किसान प्रभावित हैं। कोर्ट के आदेश पर प्रशासन द्वारा खोले गए खातों में चीनी बेचे जाने के बाद करीब 28 करोड़ रुपये की धनराशि जमा हुई है। सरकार फिलहाल यह रकम किसानों को बांटने को तैयार है। बुधवार को सुनवाई में कोर्ट ने डीएम हरिद्वार को गुरुवार को कोर्ट में पेश होने के निर्देश दिए हैं।
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