उत्तराखंड में इन दिनों हाई कोर्ट जनता से जुड़े मुद्दों को सुन रही है। हाई कोर्ट ने उत्तरकाशी के मातली गांव में आईटीबीपी की ओर से ग्रामीणों का मंदिर, स्कूल व घाट जाने का रास्ता बंद किए जाने के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार व केंद्र सरकार से चार सप्ताह में जवाब पेश करने को कहा है।अगली सुनवाई को 16 अप्रैल 2024 की तारीख निर्धारित की गई है।
इसके साथ ही उत्तराखंड हाई कोर्ट ने हरिद्वार जनपद के मुजफ्फरपुर मौजा वन ग्राम में वन भूमि पर हो रहे अवैध खनन के मामले में दायर याचिका पर सुनवाई राज्य सरकार को चार सप्ताह में जवाब पेश करने को कहा है। गुरुवार को मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति विपिन सांघी व न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ में हरिद्वार निवासी सामाजिक कार्यकर्ता धर्मवीर सैनी की जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। जिसमें कहा गया है कि वन विभाग की ओर से मुजफ्फरपुर मौजां गांव के 59 लोगों के परिवारों को 55 हेक्टेयर वन भूमि कृषि कार्य को दी गयी।
सुनवाई के दौरान आरोप लगाया गया कि इस भूमि पर पट्टे धारकों की ओर से पिछले कुछ सालों से अवैध खनन किया जा रहा है, याचिकाकर्ता ने अदालत में इससे संबंधित फोटोग्राफ भी पेश किये गये। जब यह भूमि उनको कृषि कार्य को दी गयी थी तो कैसे इस पर अवैध खनन हो रहा है, इस पर रोक लगाई जाए तथा खनन में संलिप्त लोगों पर कार्रवाई की जाए।
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