नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने एक अप्रैल से शुरू हो रहे हरिद्वार महाकुंभ को लेकर आदेश दिया है कि मेला क्षेत्र में रोजाना 50 हजार कोरोना टेस्ट किए जाएं। इसके साथ ही कोर्ट ने मेला पार्किंग और गंगा घाटों के पास मोबाइल चिकित्सा वाहन तैनात करने का आदेश भी दिया है, ताकि श्रद्धालुओं को चिकित्सा सुविधा नजदीक मिले। वहीं कोर्ट ने कहा है कि कुंभ मेला के दौरान एसओपी का सख्ती से पालन किया जाए। कहा है कि मेला क्षेत्र में क्वालिफाइड चिकित्सकों की तैनाती हो।
कोर्ट ने कहा कि जिन लोगों ने कोरोना वैक्सीन की पहली डोज लगाई है, उनके लिए भी कोरोना निगेटिव रिपोर्ट जरूरी है। कुंभ क्षेत्र में भी वैक्सीनेशन किए जाए। गंगा घाटों और कुंभ मेला क्षेत्र में जल पुलिस की तैनाती करें। केंद्र की एसओपी का सख्ती से पालन करें। इस संबंध में कोर्ट ने 13 अप्रैल तक रिपोर्ट मांगी है।
एक अप्रेल से श्रद्धालु बिना कोविड निगेटिव आरटीपीसीआर रिपोर्ट के जिले की सीमा में दाखिल नहीं हो पाएंगे। बुधवार-गुरुवार की मध्यरात्रि से महाकुंभ के आधिकारिक रूप से शुरू होने के साथ कोविड एसओपी लागू हो जाएगी। इस दौरान राज्यसीमा और मेला क्षेत्र में श्रद्धालुओं की रैंडम कोविड जांच भी होगी।
बुधवार-गुरुवार की मध्यरात्रि से कुंभनगरी में आने के लिए पंजीकरण और 72 घंटे तक कोविड निगेटिव रिपोर्ट अनिवार्य हो जाएगी। पंजीकरण और कोविड रिपोर्ट दिखाने के बाद ही श्रद्धालुओं को मेला क्षेत्र में प्रवेश दिया जाएगा। प्रदेश सरकार ने एक अप्रैल से लेकर 30 अप्रैल महाकुंभ मेला अवधि निर्धारित की है।
कुंभ मेला क्षेत्र में कोरोना के लगातार बढ़ते मामले मेला प्रशासन की चिंता बढ़ा रहे हैं। ऋषिकेश क्षेत्र के ताज होटल में 83 और हरिपुर कलां के गीता कुटीर आश्रम में 32 कोरोना के मरीज मिलने के बाद हड़कम्प मचा हुआ है। दोनों ही हॉटस्पॉट कुम्भ मेला क्षेत्र में आते हैं, इसलिए महाकुंभ पर भी कोरोना संकट मंडराने लगा है। भूपतवाला के गीता कुटीर में 32 कोरोना संक्रमित एक साथ मिलने के बाद आश्रम को सील कर दिया गया है।
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