काशी विश्वनाथ कॉरिडोर की तर्ज पर हरिद्वार में विकसित होने वाले कॉरिडोर का कार्य 2024 में शुरू होने की उम्मीद है.कॉरिडोर के काम अलग-अलग पांच प्रोजेक्ट में चलेंगे. डीएम ने यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि कॉरिडोर विकसित करने के लिए कैबिनेट ने संवैधानिक मंजूरी दे दी है. वहीं मोटे तौर पर कॉरिडोर विकसित करने के लिए गाइडलाइन भी बनाई गई है.
जिलाधिकारी विनय शंकर पांडे ने बताया कि कॉरिडोर विकसित करने के लिए आरएफपी (रिक्वेस्ट फॉर प्रपोसल) बन गई है.
मैकेनाइज संस्था कॉरिडोर के कार्यों को अंतिम रूप दे रही है. जल्द ही कॉरिडोर विकसित करने के लिए कंसल्टेंट की नियुक्ति की जाएगी.
कंसल्टेंट द्वारा कॉरिडोर की डिजाइन और प्लानिंग का कार्य किया जाएगा. इसके बाद कॉरिडोर की डीपीआर बनाई जाएगी.
जिलाधिकारी ने बताया कि कॉरिडोर बनाने का मुख्य उद्देश्य हरिद्वार को खूबसूरत बनाना है, ना कि लोगों को उजाड़ना. डीएम ने साफ तौर पर कहा कि कॉरिडोर विकसित करने के लिए अतिक्रमण को तोड़ा जाएगा. कॉरिडोर विकसित करने की योजना सबकी सहमति लेकर बनाई जाएगी.
ये स्थान होंगे विकसित
डीएम ने बताया कि कॉरिडोर के लिए हरकी पैड़ी, कनखल, सतीकुंड, संन्यास रोड, भूपतवाला क्षेत्र, भारतमाता मंदिर क्षेत्र, मनसा देवी मंदिर, चंडी देवी मंदिर आदि को विकसित करने की योजना है.
मार्गों की सुधरेगी दशा
डीएम ने बताया कि हरकी पैड़ी पहुंचने के लिए तीन मार्ग पड़ते हैं. भीमगोड़ा, अपर रोड और मोतीबाजार से होकर लोग हरकी पैड़ी पहुंचते हैं. इन मार्गों की दशा और दिशा दोनों सुधारने का कार्य किया जाएगा. हालांकि अपर रोड काफी बड़ा है. वहां कॉरिडोर विकसित करने में ज्यादा परेशानी नहीं होगी. लेकिन जिन स्थानों पर अतिक्रमण होगा उन्हें तोड़ा जाएगा.
इनसे होगा विचार-विमर्श
डीएम ने बताया कि हरकी पैड़ी कॉरिडोर की डीपीआर बनने के बाद और कॉरिडोर विकसित करने से पहले हरिद्वार में श्रीगंगा सभा, व्यापार मंडल, साधु संत, अखाड़ों, मीडिया और समाजसेवियों से विचार-विमर्श किया जाएगा. विचार-विमर्श के बाद कार्य शुरू होगा.
जगह-जगह फव्वारे लगेंगे
हरकी पैड़ी क्षेत्र में काफी कार्य किए जाएंगे. बिजली और पानी की निकासी को भूमिगत किया जाएगा. जगह जगह फव्वारे और परिदृश्य को बनाया जाएगा.
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