अमरनाथ यात्रा की तरह देश में कांवड़ यात्रा को भी मुख्य आयोजनों में से एक माना जाता है. भोले के भक्त आस्था के लिए हरिद्वार से जल लाकर अपने आराध्य भगवान शंकर भगवान का जलाभिषेक करते हैं 2023 के लिए यात्रा प्रारंभ हो चुकी है. ऐसे में सरकार की ओर से यात्रा के लिए कुछ गाइडलाइन जारी की गई है. जिसमें यात्रा के दौरान भक्तों को क्या करना है क्या नहीं करना है. ऐसे दर्जनों नियम बनाए गए हैं. साथ ही जिन राज्यों से होकर यात्रा निकलती है वहां सुरक्षा व्यवस्था चाकचौंबद कर दी गई है
गाइडलाइन के मुताबिक प्रति कांवडिये का पहचान बनाया गया है. बिना पहचानपत्र दिखाए उसे प्रवेस नहीं दिया जाएगा. डीजे पर कोई रोक नहीं होगी. भक्त किसी भी टाइम डीजे बजा सकते हैं. कांडव की ऊंचाई 12 फिट तय की गई है. इससे ऊंची कांवड अलाउड नहीं होगी. कांवड़िए अपने साथ भाले या त्रिशूल जैसे नुकीले सामान नहीं लेकर चल सकेंगे. इन पर पूर्णत: प्रतिबंद लगाया गया है. वहीं कांवड मार्ग पर जगह-जगह पुलिस पिकेट बनाई गई है. ताकि कोई भी असमाजिक तत्व सक्रिय न हो सके.
यदि किसी भक्त के पास आईडी नहीं है तो अपने जिले के कलेक्ट्रेट जाकर आवेदन करें. आपको कुछ ही घंटों में आईडी मिल जाएगी. इस बार कांवड यात्रा में भारी भीड़ का अंदेशा लगाया जा रहा है. इसलिए बिना आईडी के किसी को भी एंट्री नहीं मिलेगी. डाक कांवड वाले वाहनों की स्पीड 20 किमी प्रतिघंटा से ज्यादा नहीं होना चाहिए. क्योंकि कई बार ये स्पीड़ भी दुर्घटना का कारण बन जाती है. उत्तराखंड पुलिस के 500 सीसीटीवी (CCTV) कैमरे लगे हुए हैं जबकि उत्तर प्रदेश पुलिस के लगभग 1000 कैमरे सुरक्षा के लिए लगे हुए हैं उन्होंने बताया कि 333 सीसीटीवी कैमरे केवल हरिद्वार के मेला क्षेत्र में लगे हुए हैं,
- यात्रा के दौरान हर कांवड़िए को आईडी दिखाना जरूरी, डीजे को लेकर भी नियम
- यात्रा के बीच में पड़ने वाले 7 राज्यों की सुरक्षा एजेंसियों किया गया अलर्ट
- कांवड की ऊंचाई को लेकर तय किया पैरामीटर
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