उत्तराखंड के युवाओं के लिए अच्छी खबर, ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया शुुरु, ये अंतिम तारीख

उत्तराखंड के युवाओं के लिए अच्छी खबर है जी हां सेवा अधीनस्थ चयन आयोग के द्वारा जहां एलटी भर्ती परीक्षा के लिए युवाओं को आवेदन के लिए मौका एक बार फिर दिया गया है तो वहीं आयोग के द्वारा एक महीने के भीतर कुछ और पदों पर विज्ञप्ति भी जारी होने वाली है।

उत्तराखंड के युवा जो सहायक अध्यापक यानी एलटी के पदों पर शिक्षक बनने की योग्यता रखते हैं,लेकिन उन्होंने अभी तक आवेदन नहींं किया है, तो वह 25 मार्च तक शिक्षक बनने के लिए आवेदन कर सकते हैं। जी हां आयोग ने इसके लिए ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया शुरू भी कर दी है। खास बात ये कि कला विषय के उन अभियार्थियों को भी शिक्षक बनने का मौका है, जिन्होने स्नातक स्तर पर कला विषय से पास आउट किया है, उनको भी आवेदन का मौका मिला है। वहीं जिन अभियार्थियों की उम्र तय सयम सीमा से 6 माह ज्यादा हो गई है,उनको भी आवेदन का मौका सरकार के निर्णय के बाद आयोग ने दिया है। आयोग के सचिव संतोष बड़ोनी का कहना है कि जो आवेदक एलटी पदों पर शिक्षक बनने के लिए आवेदन करना चाहते हैं, वह 25 मार्च तक आवेदन कर सकते हैं।

उत्तराखंड सेवा अधिनस्थ चयन आयोग पर इस समय कई विभागों के भर्ती परीक्षाओं को कराने का बोझ नजर आ रहा है, वन दरोगा की लिखित भर्ती परीक्षा का परिणाम जहां अ ायोग के द्धारा जारी कर दिया गया है,वहीं एलटी भर्ती परीक्षा के साथ,स्तानतक स्तरीय कलर्क की भर्ती परीक्षा के 854 पदों के लिए पहली बार रिकार्ड आवेदन आयोग के पास आने से आयोग की टेंशन भी इस परीक्षा को कराने के लिए बढ़ गई है,जी हां 854 पदों के लिए 2 लाख 19 हजार आवेदकों ने आवेदन किया है। लेकिन इन सबके बीच युवाओं के लिए अच्छी खबर ये है कि आयोग अगले महीने तक करीब 1 हजार पदों पर विज्ञप्ती जारी करने जा रहा है,जिसमें 450 लेखपाल यानी पटवारी के पद भी हैं तो वहीं 220 प्रयोगशाला और 400 मानचित्रकार के पद शामिल है।

कुल मिलाकर देखें तो उन युवाओं पास रोजगार पाने का इस समय उत्तराखंड में अच्छा मौका है जो सरकारी नौकरी पाना चाहते हैं और नौकरी पाने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं। बस युवाओं की एक गुजारिश सरकार और आयोग से है जो जिन पदों पर आयोग के माध्यम से भर्ती निकल रह रही हैं या भर्ती प्रक्रिया चल रही है उन पर तय समय सीमा के भीतर भर्ती प्रक्रिया पूरी हो ताकि युवाओं को रोजगार पाने लिए सालों का इंतजार न करना पड़े।

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